शिक्षक की मनमानी से त्रस्त हुई छात्रा व परिजन

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
एक ओर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान बेटियों के लिए नई नई योजना चला रहे है। वही दूसरी और कई अधिकारी मामा की इन योजनाओ को पलीता लगा रहे है। ऐसा ही एक मामला शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रंभापुर का सामने आया है जहां पर पूर्व में अध्यनरत छात्रा भावना पिता कालूसिंह कठोठा ने वर्ष 2006 में कक्षा 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा बाद में वे आगे अध्ययन न करते हुए अपने माता-पिता के काम में हाथ बटाने लगी। वर्ष 2007 में भावना का विवाह गुजरात में हो गया। इसके बाद आवश्यता पडऩे पर 3 मार्च 2018 को भावना के पिता कालूसिंह एसएलसी का आवेदन लेकर स्कूल पहुंचे और प्राचार्य दर्शनसिंह डाबर को आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने इस आवेदन पर हस्ताक्षर कर स्कालर टीसी प्रभारी मनोज पाल के पास भेजा, शिक्षक पाल ने कालूसिंह को वापस आवेदन ले जाने की बात कही और हस्ताक्षर कर आवेदन वापस लौटा दिया। दोबारा जाने पर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। ऐसे में कालूसिंह हताश हो गया और इस मामले को लेकर जनसुनवाई में जाने की बात कही। इस संबंध में प्राचार्य दशनसिंह डावर कहते है कि अभी आप स्कूल भेज दो मैं एसएलसी बनवा देता हूं। इसी के साथ पालक कालूसिंह ने कहा कि मैं पहले प्राचार्य के पास आवेदन लेकर गया। प्राचार्य ने आवेदन पर हस्ताक्षर कर शिक्षक पाल के पास भेजा और में शिक्षक पाल के पास गया तो मुझे कहा यह आवेदन वापस ले जाओ में दूसरा काम कर रहा हूं। इस पर कालू ने कहा की शिक्षक कब बनाकर दोंगे तो शिक्षक पाल ने कह दिया तुम जाओ मेरे पास टाइम नहीं है ऐसा कहकर आवेदन भी लौटा दिया।