स्व-कराधान योजना के तहत 27 पंचायतों में आई 3 करोड़ की राशि में हुआ जमकर भ्रष्टाचार

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पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
विकासखंड में वर्ष 2012 से 2015 तक स्व-कराधान योजना के तहत 3 करोड़ रूपए के लगभग राशि 27 पंचायतों में आई किंतु इनमें से अधिकांश पंचायतों ने इस राशि का दुरुपयोग किया और भ्रष्टाचार हुआ है किंतु इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप मालवीय द्वारा वर्ष 2015 में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई किंतु उन्हें आज तक जानकारी नहीं दी गई यहां तक की तत्कालीन सीईओ वीरेंद्र सिंह रावत ने राज्य सूचना आयोग को झूठी जानकारी दी कि जिला पंचायत सीईओ के समक्ष जानकारी दी जा चुकी है किंतु अपीलकर्ता का कहना है कि इस मामले में आज तक मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिसके लिए राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त केडी खान ने एक पत्र जारी कर निर्देश दिए है कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत, वर्तमान लोक सूचना अधिकारी महेंद्र सिंह घनघोरिया और जिला पंचायत सीईओ जमुना भिड़े सहित अपीलकर्ता को आमने सामने सुना जाए.ताकी यह स्पष्ट हङ्क्ष सके कि जानकारी दी गई है या नहीं दी गई जिसके लिए 20 मार्च की तारीख तय की गई है.
स्व कराधान की यह है हकीकत
स्व कराधान योजना में जिला पंचायत को कोई जानकारी नहीं होने पर जनपद पंचायत के अधिकारियों ने अनुमोदन कर भोपाल से सीधे पंचायतों के खातों में राशि डलवाई, जिसका उपयोग पंचायत के जनप्रतिनिधियों और सचिव ने अपनी मनमानी से किया, जिसका कोई हिसाब किताब आज तक नहीं दिया गया। यह राशि पेटलावद विकासखंड में ही 3 करोड़ रूपए है। यदि पूरे प्रदेश की बात की जाए तो यह राशि लगभग 100 करोड से अधिक है जिसके लिए आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप मालवीय के द्वारा जानकारी एकत्रीत की जा रही है किंतु कहीं भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है लगभग तीन वर्ष हो गए कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। वहीं वर्तमान सीईओ मेघनगर वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि स्वकराधान यङ्क्षजना की जानकारी जनपद पंचायत के कार्यालय के पास नहीं होने के कारण इस संबंध में कार्यालय के पास कोई जानकारी नहीं है। भोपाल से सीधे ग्राम पंचायत के खातों में राशि जमा की गई थी। निर्माण एजेंसी भी ग्राम पंचायत ही रही। हमारे द्वारा पंचायतों को समय समय पर जानकारी देने के लिए लिख कर दिया गया। वहीं अपीलकर्ता दिलीप मालवीय का कहना है कि आज दिनांक तक जिला पंचायत में स्वकराधान को लेकर मेरी कोई पेशी नहीं हुई तो आखिर जिला पंचायत सीईओ के समक्ष मुझे कैसे जानकारी दी गई।