आबकारी व पुलिस विभाग ने नहीं बल्कि ग्रामीणों ने अवैध शराब व्यवसायी को 70 हजार की शराब परिवहन करते धरदबोचा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
ग्राम करडावद में एक बार फिर अवैध शराब परिवहन को लेकर चर्चा में है। मजेदार बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रो में अवैध शराब परिवहन करने वाले शराब ठेकेदार की गाड़ी को न पुलिस न आबकारी बल्कि खुद ग्रामीणों ने पकडी। जानकारी के अनुसार ग्राम पंथबोराली में ग्रामीणों ने पेटलावद ठेके की गाड़ी को पकड़ा है जिसमे से 2 पेटी एमडी, 4 पेटी प्लेन, 28 पेटी बियर ओर 6 पेटी गोवा व्हिस्की बरामद हुई है। जिसकी अनुमानित कीमत करीब 70 हजार रुपये बताई जा रही है। चालक तो मौके से फरार हो गया, लेकिन सप्लाइर नागूलाल टाक निवासी मंदसौर को ग्रामीणों ने पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी मौके पर पुलिस पहुंची है। सूत्रों के मुताबिक ग्रामीणों द्वारा शराब माफियाओं को धरदबोचा और पुलिस को घटनास्थल पर बुलाया तो पुलिस कर्मियों के चेहरे देखने लायक थे। बहराहल, इस घटना के बाद आबकारी और पुलिस दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है कि जो काम आबकारी या पुलिस को करना चाहिए था वह काम ग्रामीणों को आखिर क्यों करना पड़ा? क्षेत्र में अवैध शराब परिवहन के साथ जमकर परोसी जा रही है, जहां-तहां शराब के मोबाइल पाइंट बन चुके हैं लेकिन यह सब कुछ आबकारी व पुलिस विभाग को न जाने कौन सी सद्भावना के चलते दिखाई नहीं दे रहा है। धुलेंडी के दिन भी करवड़ होली मेले में मुखबिर ने एसडीओपी को सूचना दी तब कहीं जाकर टीआई व उनके अमले ने शराब को बेचते पकड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि शराब माफिया व तस्कर इस क्षेत्र में जमकर शराब परोस रहे हैं लेकिन जिम्मेदार पुलिस-आबकारी विभाग सब कुछ जानते हुए भी अवैध शराब कारोबारियों पर कार्रवाई से गुरेज कर रहा है। वहीं मीडिया में जब खबरे लगातार आती है तो पुलिस व आबकारी विभाग की टीम कुछेक जगहों पर दबिश देकर या छोटे शराब व्यवसायियों पर कार्रवाई कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है।

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