धर्म जागरण यात्रा पहुंची पिटोल महामंडलेश्वर 1008 का हुआ भव्य स्वागत

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झाबुआ लाइव के लिए पिटोल से भूपूेंद्रसिंह नायक की रिपोर्ट-
 6 दिनों तक चलने वाली धर्म जागरण यात्रा के तहत 10 फरवरी को दोपहर 3 से 6 बजे तक स्थानीय मोढिय़ा सेठ के बाडे मे हुई धर्मसभा मे महामंडलेश्वर 1008 स्वामी प्रणवानंदजी सरस्वती पहुंचे आदिवासी संतों ने अपने विचार व्यक्त किए। आदिवासी को वापस लाने के लिए अपने विचार व्यक्त किए। कीका भाई ने कहा की सनातन धर्म से बढक़र कोई धर्म नहीं स्वामी के साथ पधारे कानुजी महाराज एवं झोसा महाराज ने धर्म परिवर्तन को लेकर अपने विचार रखे की हमारे आदिवासी भाईयों में शिक्षा की कमी के चलते दूसरे धर्म के लेाग लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं जो लोग धर्म छोडकर गये हैं उन्हें अपने मूल धर्म मे वापस ला कर हिंदू बनाना हमारा लक्ष्य हैं वही स्वामी प्रणावानन्दजी ने कहा हम किसी धर्म का विरोध नही करते परंतु इन भोले भाले आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। उन्होंने सरकारी योजनाओं मे जो धर्म अपनाया हैं वही लिखवाना चाहिए क्योंकि जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है वे सरंकारी योजनाओ का फायदा लेने के लिये हिंदू धर्म का उपयोग करते है जबकि धर्मांतरित होते है, उसी प्रकार स्वामीजी ने कहा की केंद्र सरकार में एक बिल पेश किया है जो धर्म परिवर्तन कर के गए है उसे उसी धर्म के तहत सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा और धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिये भी सरकार को प्रयास करना चाहिए जिससे इन अनपढ़ आदिवासियों का धार्मिक शोषण न हो सके। स्वामी ने धर्म परिवर्तन रोकने के प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिले में पदयात्रा निकालने की घोषणा की वे जिले के गांव-गांव, फलिये पदयात्रा कर धर्म का अलख जगाएंगे। इस कार्यक्रम मे स्वामी का स्वागत करने के लिए मंडल अध्यक्ष हरू भूरिया, कल्याण डामोर, बलवंत मेडा, महेन्द्रसिंह ठाकुर, प्रतीक शाह, आदि भाजपा कार्यकर्ता ने स्वागत किया। वही पिटोल संरपच काना गुंडिया, उपसरपंच दिनेश मेवाड, जनपद संदस्य पेमा भाभोर, काकरादरा सरपंच तानु वसुनिया, जानु बिलवाल, आदि लोगों ने मंच पर स्वागत किया। इस कार्यक्रम का आयोजन पिटोल के भूपेंद्रसिंह नायक, सोमजी गणावा, वालसिंह मसानिया संजय नायक विक्रम नायक, किशन नागर, दिनेश नागर, अंतिम सोनी धर्मरक्षक सीमित ने किया।

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