भावांतर योजना को लेकर किसानों में संशय, विभाग नहीं देे पा रहा सही जानकारी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
भावांतर योजना में किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। पहली बात तो यह की जो समर्थन मूल्य तय किए है वे है कम इसके साथ ही भुगतान तीन माह के बाद व प्रति हेक्टयर उत्पादन कम लिया जा रहा है जिसके चलते किसानों में असंतोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि यदि फसल आज बेचते है और उसके भावातंर के पैसे तीन माह बाद मिलते है तो आज गेहूं लगाना है तो पैसे कहां से लाए. इसके लिए इस योजना में पंजीयन करवाने के बजाए बाजार में ही सोयाबीन और मक्का बेच देंगे। वहीं किसानों का कहना है कि सोयाबीन का प्रति हेक्टयर उत्पादन मात्र 8 क्विंटल लिया जाएगा जबकि पेटलावद जैसे क्षेत्र में 15 क्विंटल प्रति हेक्टयर का उत्पादन होता है तो बची हुई फसल का पैसा भावांतर योजना में नहीं मिलेगा, जिसके चलते किसानों को क्या लाभ होगा? सर्वे करने वालों ने इस प्रकार की गड़बड़ की है जबकि रतलाम जिले में 12 क्विंटल तो ग्वालियर जिले में 17 क्विंटल प्रति हेक्टयर उत्पादन लिया जा रहा है तो आखिर झाबुआ जिले में ऐसा क्यों जिसके चलते किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके साथ ही सोयाबीन का समर्थन मूल्य मात्र 3050 रूपए तय किया गया है जबकि किसान को इससे अधिक खर्च हो जाता है। इसलिए समर्थन मूल्य भी कम से कम 3500 रूपए होना चाहिए तभी जा कर योजना का लाभ मिल पाएगा। वहीं मक्का का समर्थन मूल्य भी मात्र 1425 रूपए तय किया गया है। इस प्रकार कम समर्थन मूल्य होने से भी किसानों को पूरा लाभ नहीं मिलेगा। वहीं इस प्रकार समर्थन मूल्य कम होने से बाजार में व्यापारी भी भावों को अधिक नहीं बढ़ाएंगे क्योंकि उन्हें मालूम है कि किसान को समर्थन मूल्य से अधिक सरकार नहीं दे सकती है तो उन्हें अंत में व्यापारियों के पास ही आना होगा, जिस कारण से भाव अधिक नहीं होंगे जिसका खामियाजा भी किसानों को भुगतना पड़ेगा।
पंजीयन जारी है-
भावांतर योजना में पेटलावद विकासखंड में उपार्जन केंद्रों पर पंजीयन जारी है लगभग 5500 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। रविवार को अंतिम दिन होने से किसानों के आवेदन ले लिए जाएगे तथा पंजीयन का कार्य 18 अक्टूबर तक चलता रहेगा। वहीं किसानों के सामने पंजीयन के दरमियान एक यह भी समस्या आ रही है कि जिन किसानों का उपार्जन केंद्र वाली बैंक में खाता नहीं है उनका पंजीयन नहीं हो रहा है जिसके लिए प्रशासन ने सुविधा देते हुए मंडी प्रांगण में अन्य बैंक के खाताधारकों के लिए पंजीयन की सुविधा दी है जिसके लिए वे रविवार को भी मंडी में आवेदन दे सकते है।
सोमवार से प्रारंभ होगी खरीदी-
भावांतर योजना अंतर्गत सोमवार से खरीदी गई फसल पर किसानों को लाभ मिलेगा। सोमवार को योजना का शुभारंभ होगा तथा पंजीयन सोमवार शाम 5 बजे तक किया जाएगा। इसके साथ ही खरीदी सोमवार 16 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 15 दिसंबर तक चलेगी।
भंडारण अनुदान भी दिया जाएगा-
यदि कोई किसान अपनी उपज भावांतर योजना में नहीं बेचता है और उसे वह सग्रंहित कर रखना चाहता है तो उस फसल का भंडारण अनुदान भी प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए प्रति क्विंटल 7 रूपए रहेगा जो कि 4 माह के लिए जनवरी से अप्रैल तक का दिया जाएगा। उसमें शर्त यह है कि भंडारण लायसेंसी गोदाम में करना होगा।
इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारी खपेड़ ने बताया कि भावांतर योजना में पंजीयन का क्रम जारी है। उत्पादन को लेकर निर्देशों का पालन किया जा रहा है। हमारे द्वारा उत्पादन तय नहीं किया जाता है। वहीं किसानों की सुविधा को देखते हुए अन्य बैंक में खाते होने पर मंडी में पंजीयन की सुविधा रखी गई है।

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