अम्बिका चौक पर चल रहे 15 दिनी गरबों में महिलाओं ने की मां की आराधना

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
हमू माताजी ना पोरियां रे गरबो रमा रे आदिवासी वेशभूषा में मां की आराधना करते हुए भक्तों ने नगर के अम्बिका चौक में 15 दिनों तक चलने वाले गरबों में आकर्षक प्रस्तुति दी जिसे देख कर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। नगर के अम्बिका चौक में लगभग 100 वर्र्षो से सतत 15 दिनों तक गरबों का आयोजन किया जा रहा है जिसे सभी श्रद्धालु मिलकर पूर्ण श्रद्धा के साथ आयोजित करते है। गरबों में स्थानीय महिलाओं द्वारा ही प्रस्तुतियां दी जा रही है जिसके लिए महिलाओं ने एक माह से अधिक समय से इसकी तैयारियों में जुटी रही और प्रतिदिन अलग अलग वेशभूषा में गरबों की प्रस्तुति दे रही है। सोमवार की रात्रि में आदिवासी परपंरा के अनुसार आदिवासी वेशभूषा में आकर्षक आभूषण पहन कर साथ ही चश्मा लगाकर प्रस्तुति दी। सुर और ताल के इस अनोखे संगम को देखकर आमजनों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोक संस्कृति की इस प्रस्तुति को लोगों को काफी सराहा गया। गौरतलब यह है कि पेटलावद नगर का यह एक मात्र प्राचीन अम्बिका माता मंदिर है जो कि यहां के लोगों के साथ साथ ग्रामीण अंचल के भी कई लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है। वही माताजी की चमत्कारी प्रतिमा के दर्शन हेतु दूर दराज से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है।

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