श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा छोटा पड़ा फुटतालाब गरबोत्सव का गरबा पांडाल

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झाबुआ लाइव डेस्क-
एक साथ गरबों पर थिरकते हजारों कदम, चारो ओर श्रद्धालुओं का हुजूम, भारत की धार्मिक संस्कृति को एक-सार करते रंग बिरंगे परिधान, भव्य व्यवस्थाओं के बावजुद छोटा पड़ता आयोजन स्थल और पांडाल में पांव तक रखने की जगह ना होना। यह दृश्य इन दिनों प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल फुटतालाब पर आम हो गया है। वनेश्वर मारूती नंदन हनुमान मंदिर समिति के मार्गदर्शक और प्रदेश के समाजसेवी सुरेशचंद्र पुरणमल जैन के अथक प्रयासों से सतत आठवे वर्ष आयोजित गरबा महोत्सव फुटतालाब नित नये इतिहास रच रहा है। प्रदेश के कईं जिलों से प्रतिदिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर इस आयोजन को मध्यप्रदेश के शीर्षस्थ आयोजन की उपमा दे रहे है। आयोजन के पांचवे दिन सोमवार रात्री को आयोजन स्थल पर दर्शक दीर्घा के रूप में की गई सारी व्यवस्थाएं छोटी दिखाई पढने लगी व पूरा पांडाल श्रद्धालुओं की भारी भीड से भर गया, जिसनें आयोजन समिति को आगामी दिनों में नए स्तर से और अधिक बैठक व्यवस्थाएं जुटाने का संदेश दिया। वही गरबा पांडाल में माता की उपासना में गरबे करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने भी अपनी आस्थाओं के आगे चार भागों में बने गरबा पांडाल को भी छोटा साबित कर दिया।
आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की रखी जा रही नींव
आयोजन स्थल के बीच में बने मंच पर भारत के जाने माने कलाकारों की संगीतमय प्रस्तुती और गरबों की धुन पर थिरकते हजारों कदमों का तालमेल यहां पर देखते ही बन रहा है। हर 10 मिनट में एक नया दल अपनी उच्च स्तरीय प्रस्तुती लेकर रंग बिरंगे परिधानों में मंच पर उपस्थित दिखाई देता है। प्रस्तुति समाप्त होने के बाद हजारों तालियों से गुह्नवजता फुटतालाब का गरबा पांडाल भारत की धार्मिक संस्कृति को मजबूत करने का आह्वान करता है. इस वर्ष बाहर के कलाकारों के साथ स्थानीय दलों की प्रस्तुतीयां भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। छोटे-छोटे ग्रामीण बच्चों द्वारा प्रतिदिन अपनी प्रस्तुतीयों में नित नए प्रयोग कर आयोजन को प्रदेश स्तर से राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की नींव रखी जा रही है। वही बाहर से आए कलाकारों की प्रस्तुति में राजस्थानी, मालवी व गुजरात की काठियावाडी त्रिवेणी संगम देखने को मिल रहा है। सोमवार को एक दल के युवक युवतियों ने काठीयावाडी डेसकोड में गरबा करते हुए अपनी संस्कृति का परिचय दिया वही सिर पर साफ व चश्मा लगाकर गरबा रास करते हुए आधुनिकता का भी परिचय दिया तो लोग उन्हे देर तक निहारते रहे। गरबा पांडाल में भीड इतनी बढ गई कि कई महिलाओं को देर तक गरबा खेलने के लिए इंतजार करना पडा.
ग्रामीणोंं को मिल रही अलग पहचान
किसी चीज की कल्पना कर उसके लिए पूरी लगन से जुट जाना उसके लिए दिन रात एक कर देना ताकि जिले के ग्रामीणों को एक अलग पहचान मिले. जिले के ग्रामों के युवा मप्र में गुजरात के गरबों की संस्कृति को जिले की जमीन पर उतारे, गुजरात के कलाकारों के बीच गरबा करते जिले के ग्रामोंं के बालक बालिकाओं को पहचानना कठिन हो। ग्रामीण युवा गरबोंं की कला में निपुण होने के साथ साथ संस्कारी भी बने, ये सपना मैने देखा था जो आज पूर्णता की ओर है। ये अपने आपमें इतिहासिक होने के साथ साथ सुखद अनुभूति है. ये भाव हजारों की भीड में लगातार छोटे पडते पांडाल को देखकर प्रदेश के वरिष्ठ समाजसेवी सुरेशचंद्र पूरणमल जैन ने साझा किए.
अतिथियों ने बढाया मंच का गौरव
सोमवार रात्री प्रदेश के गौरवशाली गरबा रास को हजारों लोगों ने निहारा व सराहा. इस अवसर पर झाबुआ नगर पालिका की नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनु डोडियार, कम उम्र की झाबुआ की कांग्रेस समर्थित पार्षद आयुषी भाभर, वरिष्ठ पत्रकार यशवंत पंवार, शाह, भाजपा नेता जितेन्द्र पटेल, जिला भाजपा उपाध्यब अजय पोरवाल, व्यापारी संघ झाबुआ के कमलेश पटेल, एमपीईबी के एसी तोमर, मेघनगर एमपीईबी के सोलंकी, कमलेश श्रीवास्तव, पंकज साकी, निर्मल आचार्य, बंटी ब्रजवासी, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश वैरागी, पत्रकार विमल जैन, महेश प्रजापत, दिनेश पडियार, डा. किशोर पडवाल आदि उपस्थित थे। नगर पालिका अध्यक्ष मनू डोडियार का स्वागत श्री जैन की माताजी वीणा देवी जैन, श्री जैन की धर्मपत्नी सीमा जैन व सुपुत्रियों ने किया। सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत प्रदेश के यशस्वी समाजसेवी सुरेशचंद्र पूरणमल जैन ने कर आभार व्यक्त किया.
गुरूवार को प्रस्तुती देंगे चौबे
‘ऐ झमरू’ लोकगीत के प्रसिद्ध गायक प्रवीण चौबे 27 की जगह अब 28 सितंबर यानि गुरूवार को अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों के साथ प्रदेश के सबसे बडे धार्मिक आयोजन अष्टम नवरात्रि महोत्सव फुटतालाब में उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति के जैकी जैन ने बताया कि प्रवीण चौबे द्वारा महोत्सव में आने के लिए पहले 27 सितंबर बुधवार की स्वीकृति मिली थी मगर कुछ व्यक्तिगत कारणों से वे इस दिन उपलब्ध न होकर 28 को हम सभी के बिच पंहुचकर माता की आराधना में अपने सुरों से साज देंगे।

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