तपस्या-नाम-यश प्राप्ति के लिए या भौतिक रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति के लिए नहीं की जाती : प्रबलयशाजी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
तप आत्म कल्याण का मार्ग है. तप से न सिर्फ आत्मा पवित्र होती है। बल्कि तप से अनेक सिद्धियां भी प्राप्त होती है। तप की शक्ति का अपना एक अलग ही बहुत बड़ा महत्व है. तपस्या,नाम और यश प्राप्ति के लिए या भौतिक रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति के लिए नहीं की जाती है। यह एक मात्र आत्मशुद्धि व कर्मनिर्जरा की भावना से की जाती है। त्यागी सर्वत्र पूजा जाता है. देवता भी तपस्वी को नमन करते है। उक्त प्रेरणादायी विचार आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी प्रबलयशाजी ने मासखमण की कठिन तप आराधना कर रही तपस्वी प्रियंका अंकुर मेहता की तपस्या के उपलक्ष्य में आयोजित तप अभिनंदन समारोह में धर्मसभा को संबोधित करते हुए रविवार को व्यक्त किए। तप अभिनंदन समारोह कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वी सौरभ यशाजी और साध्वी सुयश प्रभाजी ने मंगलाचरण से किया। इस गरिमामय अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष झमकलाल भंडारी, महिला मंडल अध्यक्ष मीना मेहता, नगर परिषद पूर्व अध्यब संगीता भंडारी, तेयुप अध्यक्ष रूपम पटवा, हेमलता कोठारी, मास्टर पारस धाड़ीवाल,बड़ावदा के समागत मिनल शिरीष सखलेचा सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही इस अवसर पर मेहता परिवार की महिला मंडल ने सामूहिक गीतिका के माध्यम से सुंदर प्रस्तुति दी? इस मौके पर महिला और कन्या मंडल ने साध्वीवृंद की प्रेरणा से तपस्या की वर्ग पर एक मनमोहक प्रस्तुति दी। प्रस्तुति की कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रावक श्राविकाओं ने मुक्तकंठ से सराहना की। साध्वी प्रमुख के संदेश का वाचन मालवा तेरापंथ सभा प्रभारी दिलीप भंडारी ने किया। इस अवसर पर तप अनुमोदना में तपस्वी प्रियंका मेहता का अभिनंदन अनेक भाई बहनों द्वारा तप के संकल्प के साथ किया गया। साथ ही तपस्वी को अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री लोकेश भंडारी ने किया और आभार सभा के उपाध्यक्ष पंकज जे. पटवा ने माना।

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