आधार ही हट जाए तो जीवन व्यर्थ है : अजय आनंद

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अलीराजपुर लाइव के लिए आम्बुआ से बृजेश खंडेलवाल की रिपोर्ट-
भगवान राम को वनवास हुआ था। राम के वनवास जाने का जितना दुख सीता माता को नहीं था उससे बहुत ज्यादा दुख भाई भरत को था। क्योंकि भरत ने राम को अपना आधार बनाया था। राम वनवास जाने लगे तब भरत ने राम से एक ही आशीर्वाद स्वरूप उनकी चरण पादुका मांग ली। क्योंकि भरत ने अपने जीवन का आधार बना लिया। कृष्णजी जब वृंदावन से चले गये थे तब गोपियों में ने उद्धवजी के साथ खत लिख कर भेजा कि है मेरे गिरधर हमारा आप हमे छोडक़र चले गये हमारे जीवन का आधार आप ही हो। यह खत पढक़र कृष्ण पूर्णिमा की रात को आकर अपनी बांसुरी बजायी जैसे ही बांसुरी बजी गोपिया जिस अवस्था में थी। ऐसी दौड़ी जैसे मृत शरीर को आत्मा मिल गई हो। कथा मे महाराज ने कहा कि दूध में पानी का समर्पण देखा तो दूध ने कहा मित्र तुमने अपने स्वरूप का त्याग कर मेरे रूप मे विलय हो गए है अब मैं भी अपना कर्तव्य निभाऊंगा। अब तुम भी मेरे ही दाम पर बिकोंगे। इस पर पानी ने कहा जब तुम ने मुझे इतना सम्मान दिया तो मैं भी अपना फर्ज निभाऊंगा। दूध ने कहा कि जब भी कोई आपको गरम करेगा तो तुमसे पहले मे जल जाऊंगा और इस तरह पानी जल जाता है। आज की कथा मे भगवान कृष्ण का आज रुकमणी विवाह सम्पन्न हुआ। भगवान के विवाह का भक्त जन झूम उठे। मंत्रोपचार के साथ रूकमणी विवाह के समस्त श्रोतागण साक्षी बने। इस कार्यक्रम में विशिष्ट लोगों का सम्मान किया गया जिसमें कथा वाचक अजय आनंद महाराज, जोबट विधायक माधौसिंह डावर, बाबूलाल चौहान भाबरा, महेन्द्र गुप्ता निम्बोली गौशाला, निर्मला डावर, पंडित शंकरलाल पारीक, सलीम टेंटवाले और कथा के जजमान बने नन्दकिशोर धन्नालाल राठौड़ खट्टाली वाले ने 51 हजार रुपये देने का श्रैय है सभी का सम्मान राठौड़ समाज द्वारा किया गया। राठौड़ समाज आम्बुआ ने 71 हजार रुपए दिए। इस कथा में विधायक माधौसिह डावर, मंडी अध्यक्ष देवेन्द्र श्रीवास्तव, नगर पंचायत जोबट दीपक चौहान, भाबरा नगर पंचायत भाबरा निर्मला डावर, जिला भाजपा महामंत्री अजय जायसवाल ने कथा का श्रवण किया।

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