जानिए भूरिया ; सिंधिया & कमलनाथ के खिलाफ ” अमित शाह ” ने किए बनाया अपना ” चाणक्य!

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झाबुआ-अलीराजपुर Live ( राजनीतिक डेस्क) की स्पेशल रिपोर्ट । 

विगत 2014 के लोकसभा चुनाव मे मध्यप्रदेश के 29 लोकसभा सीटों मे से 27 सीटे बीजेपी ने मोदी लहर मे जीत ली थी सिर्फ ” कमलनाथ ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया ही अपनी ” छिंदवाड़ा ओर गुना की सीट बमुश्किल बचा पाये थे रतलाम -झाबुआ सीट से आदिवासी दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को भी हार का सामना करना पड़ा था लेकिन रतलाम – झाबुआ लोकसभा उपचुनाव की नोबत सांसद स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया के निधन से आ गयी थी उसमें पूरी बीजेपी ओर सरकार लग गयी लेकिन कांतिलाल भूरिया ने 2014 मे अपना खोया हुआ रसूख फिर से पा लिया था । अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह है ओर उन्होंने 2019 मे मिशन 370 का आगाज किया है यानी लोकसभा की 370 सीटे जीतने का लक्ष्य रखा है ओर हाल ही के मध्यप्रदेश के तीन दिवसीय दोरै मे उन्होंने प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने का संकल्प पार्टी के जिम्मेदारो को दिलवाया ओर कांग्रेस के तीन बडे नेताओं ” कमलनाथ ; ज्योतिरादित्य सिंधिया ओर कमलनाथ को उनके संसदीय क्षैत्र मे हराने की अमित शाह ने कसमे खाई है जिसके तहत अमित शाह ने अपने करीबी उत्तरप्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को गुना ; छिंदवाड़ा ओर रतलाम – झाबुआ लोकसभा का प्रभारी बनाते हुए उन्हें जिम्मेदारी दी है कि वह लोकसभा चुनाव के शेष बचे समय के लिए इन तीनों लोकसभा सीटो के लिए बीजेपी की रणनीति बनाएँगे ओर पार्टी इकाईयों को बुथ स्तर तक सक्रिय करेंगे । स्वतंत्र देव सिंह ने अपना मध्यप्रदेश दोरा शुरु भी कर दिया है ओर जल्दी ही वह रतलाम – झाबुआ का दोरा भी करेंगे ।

कोन है स्वतंत्र देव सिंह ; ओर क्यो भरोसेमंद है शाह के
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स्वतंत्र देव सिंह अभी उत्तरप्रदेश के कैबीनेट मंत्री है उन्हें संगठन के नजरिए से उत्तरप्रदेश का कुशाभाऊ ठाकरे माना जाता है उनकी रणनीतिया कारगर होती है उनकी स्पीच बेहतर होती है मोदी ; राजनाथ से लेकर अमित शाह की सफल रैलियो की रणनीति के असली रणनीतिकार यही थे । ये पत्रकार भी रहे है ओर आरएसएस के प्रचारक भी है अमित शाह के यूपी मे प्रभारी रहते स्वतंत्र देव सिंह उनके असली चाणक्य थे ओर कब कहां क्या बोलना है ओर किस रणनीति के तहत बोलना है यह सब कुछ स्वतंत्र देव सिंह तय करते थे । युवा मोर्चा सहित कई बीजेपी की आनुंषांगिक इकाईयों मे काम करने का उन्हें अनुभव है सबसे बड़ी बात यह है कि स्वतंत्र देव सिंह को सीधे अमित शाह से संवाद कभी भी किसी भी वक्त किसी भी संचार माध्यम से कर सकते है ।

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