कर्मों की दुकान में पाई-पाई का हिसाब होगा : महासती मनोज्ञाश्रीजी

0

पेटलावद। कर्मो की दुकान में पाई-पाई का हिसाब होता है जो जीव जैसे कर्म करता हैं उनका फल उसी हिसाब से भोगना पड़ता है। कर्म छोडऩे वाले नहीं है एकर्म बांधते समय विचार नहीं किया तो भोगते भोगते दम निकल जाएगा। भीड़ में बैठे है तो भी कर्म आपको पहचान लेगा। उक्त प्रेरक उद्गार स्थानक भवन में विराजित पूज्य महासती मनोज्ञाश्रीजी ने धर्म सभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि दूसरों के कहने से व्यवहार में जो जीव हिंसा करता है कर्म उसी के बंधते है भाव हिंसा से परिवार को दूर रखिये धर्म आराधना का सीजन सामने है कर्मो की निर्जरा की मेहनत कीजिए। धर्मसभा को संबोधित करते हुए पूज्य महासती नमृताजी ने कहा कि जीवन में सहजता विचारो में ऊंचाई और आचार में सच्चाई जरुरी है। महासतीजी की प्रेरणा से प्रकाशचंद चाणोदिया के 8 उपवास की तपस्या पूर्ण होने पर संघ की और से उनका बहुमान 3 उपवासों की बोली लेकर मनसुखलाल चाणोदिया ने किया। इसी क्रम में प्रदीप लोढ़ा ने 5 उपवास और चन्दनमल चाणोदिया ने 8 उपवास की तपस्या पूर्ण की। साकल तेलो की लड़ी भी चल रही है अन्य जप तप और धर्म आराधनाएं चल रही है। अतिथ्यसत्कार का लाभ अनोखीलाल मेहता परिवार ने लिया धर्म सभा का संचालन राजेंद्र कटकानी ने किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.