आयुषी दत्ता ने काउंसलिंग कर नर्सिंग कॉलेज के छात्र छात्राओं बताया अंगदान का महत्व

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झाबुआ लाइव –
जिस प्रकार मानव सेवा माधव सेवा का महत्व है उसी तरह अंगदान का भी जितना अधिक पुण्य मिलता है उतना यज्ञ करने से भी नहीं मिलता है। अंगदान के माध्यम से व्यक्ति किसी भी रोगी की जान बचा सकता है और जीवनदान दे सकता है। अंगदान के महत्व को लेकर शुक्रवार को मां त्रिपुरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र छात्राओं के लिये अंगदान विषय पर कांउसलिंग का आयोजन किया गया। जिसमें समाजसेवी आयुषी दत्त द्वारा अंगदान तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी परिचर्चा आयोजित की गई। आयुषी दत्त ने 15 अप्रैल 2013 को अपनी मां को किडनी प्रदान की जिसके बाद वे स्वयं इस पावन कार्य को पे्ररणा के लिये सबको प्रेरित कर रही है। दत्ता आयुषी एक प्रयास नाम से एक एनजीओं का संचालन सफलता पूर्वक कर रही है, जिसके माध्यम से अभी तक 35 से अधिक सेमिनार आयोजित किये जा चुके हैं। शारदा विद्या मंदिर के सभाकक्ष में आयोजित अंगदान कांउसलिग में दत्ता ने अपने अनुभव को बांटते हुए बताया कि अंगदान, रक्तदान, नेत्रदान, देहदान आदि का अपना बड़ा महत्व है। नर्सिंग महाविद्यालय के छात्र छात्राएं बेझिझक होकर स्वयं अंगदान एंव रक्तदान में अपनी महती भूमिका निभा सकते है। इन छात्र छात्राओं को उन्होंने अंगदान के महत्व एवं आज के समय इसकी महता के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा इससे प्रेरित होकर 150 से ज्यादा नर्सिंग छात्र छात्राओं द्वारा स्वेच्छा से नेत्रदान करने के संकल्प पत्र भरे गए। आयोजित इस कांउसलिग में संस्था की किरण शर्मा ने आयुषी दत्त का स्वागत करते हुए उसे न सिंर्फ आदिवासी अंचल झाबुआ वरन देश-प्रदेश के लिये एक अनुकरणीय व्यक्तित्व बताया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन अल्पित गांधी द्वारा किया गया।

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