समर्थन मूल्य पर प्याज बेचने को लेकर वाहनों की लगी लंबी कतारे, किसान परेशान

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी केंद्र पर समाचार प्रकाशन के बाद स्थितियों में सुधार हुआ किंतु वाहनों की लंबी कतार आज भी देखी गई। वहीं किसानों को पीने के पानी और भोजन के लिए टोकन मिलने शुरू हो गए। वहीं एसडीएम सीएस सोलंकी ने मंडी में पहुंचकर किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं के बारे में जाना किसानों ने बाहर से आए रहे वाहनों के बारे में बताया जिस पर एसडीएम ने आश्वासन दिया की यदि कोई अन्य जिले का किसान यहां प्याज लाकर बेचेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसान भी सहयोग प्रदान करें और हमें जानकारी प्रदान करें अब तक 15 हजार क्विंटल प्याज की खरीदी की जा चुकी है।
बैंक की मनमानी किसानों पर भारी
प्याज खरीदी के दरमियान किसानों को एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के अधिकांश बैंकों ने किसानों की ऋ ण पुस्तिका अपने पास रख ली है जिस कारण प्याज बेचने आए किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। इस प्रकार का मामला एक दो नहीं सैकड़ों किसानों के साथ हो रहा है। इस संबंध में मांडन के कृषक नंदू पिता उदा खराड़ी ने एसडीएम को लिखित शिकायत करते हुए बताया कि मैं 400 बोरी प्याज लेकर आया हूं और दो दिन से परेशान हो रहा हूं। मेरे पास ऋ ण पुस्तिका नहीं होने से प्याज नहीं खरीदा जा रहा है और बैंक में ऋ ण पुस्तिका लेने गया तो अधिकारी आवेदन लेने के बाद कहते है बड़े साहब नहीं है आठ दिन बाद आना।
अब 400 बोरी प्याज कहां रखूं? यह समस्या एक किसान की नहीं ऐसे सैकड़ों किसान है जिनके साथ यह समस्या है। इस पर एसडीएम सीएस सोलंकी ने त्वरीत कार्रवाई करते हुए किसान नंदू के प्याज तुलवाने के लिए पटवारी द्वारा उसकी भूमि का खाता खसरा नकल निकलवाई और तुलाई केंद्र पर निर्देश दे कर प्याज तुलवाए. इसके साथ ही एक पत्र सभी बैंक के प्रबंधकों को लिखकर निर्देश दिए की जितने भी किसानों की ऋ ण पुस्तिका बैंक में रखी है वह तुरंत उन्हें प्रदान की जाए। किसान यूनियन के अध्यक्ष महेंद्र हामड़ का कहना है कि बैंक को किसान की ऋ ण पुस्तिका रखने का कोई अधिकार नहीं है किंतु इस क्षेत्र में बैंक अधिकारी अपनी मनमानी करते है।
239 हेक्टेयर में प्याज
क्षेत्र में 239 हेक्टयर में प्याज बोया गया है, जिसका कुल उत्पादन माने तो प्रति हेक्टयर 200 क्विंटल के लगभग होता है जिस अनुमान से 43 हजार क्विंटल प्याज का उत्पादन क्षेत्र में माना जा रहा है। मंडी में अब तक 15 हजार क्विंटल प्याज आ चुका है और लगातार आवक जारी है। इसके अलावा क्षेत्र का प्याज प्रतिदिन बाजार में भी क्विंटलों से बिक रहा है क्योंकि प्याज का उपयोग सर्वाधिक रूप से होता है लगभग हर होटल और प्रति एक घर में प्याज का उपयोग होता है। यानी क्षेत्रा में उत्पन्न होने वाला प्याज तो बाजारों में ही खपत हो जाती है। आखिर इतना अधिक प्याज जो प्रतिदिन आ रहा है यह कहां से आ रहा है। इसके लिए प्रशासन को सख्ती के साथ खरीदी करनी चाहिए। किसानों का कहना है कि प्याज खरीदी केंद्र पर यह भी जांच होना चाहिए कि जो किसान प्याज लेकर आ रहा है उसने अपने खेत में वास्तविक रूप से प्याज बोया भी था या नहीं। क्षेत्र में प्याज का उत्पादन अधिक क्यों होता है। इस बारे में किसानों ने ही बताया कि प्याज ऐसी फसल है जिसमें कम खर्च और कम मेहनत लगती है और उत्पादन अधिक होता है, प्याज की फसल वर्ष भर में तीन बार ली जा सकती है। इसलिए प्याज का उत्पादन क्षेत्र में अधिक होता है। एक हेक्टयर में 200 क्विंटल के लगभग प्याज का उत्पादन होता है।

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