ज्ञान बहुत जरुरी है, ज्ञान नही होगा तब तक आचरण बराबर नहीं होगा : संयतमुनिजी

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
आचार्य उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि की पावन प्रेरणा से नगर में बालक-बालिकाओं का वृहद स्तरीय पांच दिवसीय अणु धार्मिक शिक्षण संस्कार केन्द्रीय शिविर चल रहा है। शिविर का समापन 26 मई को होगा। यह शिविर प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती अणुवत्स संयतमुनिजी, दिलीपमुनिजी, आदित्यमुनिजी ठाणा-3 एवं आज्ञानुवर्तिनी साध्वी मधुबालाजी, धैर्यप्रभाजी, चारित्रप्रभाजी, सुनीताजी, श्रीकंाताजी, प्रषमप्रभाजी, मलयाश्रीजी, कलाश्रीजी, श्रद्धाजी, शमप्रभाजी ठाणा-10 के पावन सानिध्य में अखिल भारतीय धर्मदास स्थानकवासी जैन युवा संगठन के तत्वावधान में वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ थांदला द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर में नगर के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र के 150 बालक-बालिकाएं भाग ले रहे है। मुनि मंडल व साध्वी मंडल द्वारा बालक-बालिकाओं को विविध ज्ञानार्जन करवाया जा रहा है। शिविर संयोजक मयंक पावेचा और प्रशस्त रुनवाल ने बताया कि शिविर के दौरान बालक-बालिकाएं ज्ञानार्जन सीखने के अलावा शिविर के विभिन्न नियमों का पालन भी कर रहे है। प्रतिदिन कई बालक-बालिकाएं रात्रि संवर की आराधना भी कर रहे है। शिविर के दूसरे दिन पौषध भवन पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए अणुवत्स संयतमुनिजी ने कहा कि ज्ञान बहुत जरुरी है, पहले ज्ञान फिर दया, ज्ञान नही होगा तब तक आचरण बराबर नही होगा हमारा आचरण सुधरना चाहिए बुरी आदतें छोडऩा चाहिए पर कब छुुटेगी जब ज्ञान होगा तभी। जब ज्ञान होगा कि क्या चीज छोडऩे योग्य है और क्या ग्रहण करने योग्य है तो उसके अनुसार क्रिया होगी। क्या खाना चाहिए, क्या नही खाना चाहिए, कौन सी वस्तु खाने योग्य है, कौन सी नही है इसका ज्ञान होना जरुरी है। ज्ञान ही हमारा आचरण सुधारता है, ज्ञान नही होगा तो हमारा आचरण नही सुधरेगा। अज्ञान के बारे में आपने कहा कि-अज्ञान बहुत हानि करने वाला है जितना विष नही करता उससे ज्यादा हानि अज्ञान करता है। व्यक्ति लौकिक ज्ञान में बहुत प्रयत्न करता है और लोकोत्तर ज्ञान में प्रयत्न नही करता। संयतमुनिजी ने श्रावक-श्राविकाओं और बालक-बालिकाओं को अपने ज्ञान में अभिवृद्धि करने और प्रतिदिन धार्मिक पुस्तक पढऩे की प्रेरणा दी। आदित्यमुनिजी ने कहा कि- व्यक्ति को प्रतिदिन व्रत नियमों का पालन करना चाहिए। सुखी बनना है तो पाप क्रियाओं को छोडऩा होगा। जीव को पाप करना अच्छा लगता है धर्म अच्छा नही लगता है। अमूल्य समय जा रहा है व्यक्ति को समय मात्र का भी प्रमाद न करते हुए अपना कीमती समय व्यर्थ न गवाते हुए धर्म आराधना मे लगाना चाहिए। सभा में उमेष चालिसा का पाठ किया गया। श्रावक-श्राविकाओं ने संयतमुनिजी के मुखारविन्द से विविध त्याग-प्रत्याख्यान ग्र्रहण किए। सभा में श्रीसंघ के पूर्व अध्यक्ष नगीन शाहजी, हिमांषु मेहता और लिमखेड़ा की बालिकाओं ने स्तवन प्रस्तुत किया। नगीन शाहजी ने कहा कि ऐसे धार्मिक शिक्षण संस्कार षिविर आयोजित होते रहना चाहिए। षिविर से बालक-बालिकाओं को कई प्रकार की जानकारियां प्राप्त होती है। षिविर के माध्यम से बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण होता है। उन्होने बालक-बालिकाओं के माता-पिता को भी धन्यवाद दिया और निवेदन किया कि ऐसे संस्कार षिविर में बालक-बालिकाओ को अवष्य भेजे। सभा का संचालन श्रीसंघ के पूर्व सचिव प्रदीप गादिया ने किया। प्रतिदिन षिविर में बालक-बालिकाओं को विभिन्न महानुभावो द्वारा प्रभावना दी जा रही है। मंगलवार को मुनिमण्डल व साध्वी मण्डल के दर्षनार्थ मेघनगर श्रीसंघ उपस्थित हुआ। इसके अलावा रतलाम, इंदौर, नागदा जंक्षन, संजेली आदि स्थानों के श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। आतिथ्य सत्कार का लाभ श्रीसंघ ने लिया।
आज मनाया जाएगा पक्खी पर्व
मुनिमण्डल व साध्वी मण्डल के पावन सानिध्य में गुरुवार को पक्खी पर्व जप-तप-त्याग-तपस्या व विभिन्न धार्मिक आराधना के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपवास तप की तपस्या करेगे। कई आराधक आयम्बिल, नीवीं, एकासन, बियासन आदि विविध तपाराधना करेगे। दोपहर को नवकार महामंत्र के जाप होगे। शाम को 7.05 बजे से पक्खी प्रतिक्रमण प्रारंभ होगा। श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर और श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन पर होगा।
होगे सामूहिक पारणे
गुरुवार को पक्खी पर्व के प्रसंग पर होने वाले सामूहिक उपवास आदि समस्त तपाराधना करने वाले तपस्वियों के सामूहिक पारणे षुक्रवार को स्थानीय महावीर भवन पर होगे। पारणे करवाने का लाभ श्रीसंघ के उपाध्यक्ष कनकमल घोड़ावत परिवार ने लिया है। पारणे के पूर्व लाभार्थी परिवार के जवाहर मार्ग स्थित आवास पर नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप होगे। शुक्रवार को समस्त शिविरार्थियों की प्रभात फेरी प्रात: 8 बजे स्थानीय पौषध भवन से निकलेगी जो नगर के विभिन्न मार्गो से होती हुई पुन: पौषध भवन पहुंचेगी। यहां मुनिमंडल व साध्वी मंडल के प्रवचन होगे एवं भोजन के पष्चात पुरस्कार वितरण समारोह होगा।

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