जिले में ही मिलेगा कुपोषित बच्चों के माता-पिता को रोजगार : प्रभारी कलेक्टर

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झाबुआ। कुपोषित बच्चों के माता-पिता को काम की तलाश में अब अन्य राज्यों में नहीं भटकना पड़ेगा। इसके लिए प्रभारी कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कुपोषित बच्चों के माता-पिता को गांव में ही रोजगार गारंटी योजना में प्राथमिकता पर रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश सभी सीईओ जनपद को आज कर दिए हैं। उक्त निर्देश प्रभारी कलेक्टर भी अनुराग चौधरी ने समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में दिए। इस दौरान प्रभारी कलेक्टर चौधरी ने कहा कि जिले से कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने के लिए कुपोषित बच्चों को डे-केयर सेंटर पर रखकर नियमानुसार संतुलित आहार उपलब्ध करवाया जाए। इस दौरान एडीएम दिलीप कपसे सहित जिला अधिकारी एवं एसडीएम, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास उपस्थित थे। बैठक में विभागवार लंबित समयावधि पत्रों, जनसुनवाई, जनशिकायत, सीएमहेल्पलाईन, सीएमघोषणा की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सीएम हेल्पलाइन के पोर्टल को खोलकर जानकारी देखी गई। गांव वार कुपोषित बच्चों की संख्या की समीक्षा की गई एवं जिस फलिये एवं गांव में 3 से अधिक बच्चें कुपोषित है। उन फलिये में विशेष फोकस करके बच्चों को सुपोषित करने के लिए आंगनवाडी कार्यकर्ता को व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश भी दिए। यदि बच्चे सुपोषित नहीं हो पाते है तो आंगनवाडी कार्यकर्ता के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करे।
बच्चों के आधार कार्ड आंगनवाड़ी में बनाए-
आंगनवाडी केंद्र के बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए आंगनवाडी केंद्र पर बच्चों को एकत्रित कर वेंडर से आधार पंजीयन करवाये। यदि वेंडर नही आये तो एसडीएम को सूचित करे। बाल विवाह की रोकथाम के लिए एसडीएम एवं महिला एवं बाल विकास विभाग समन्वय के साथ कार्य करे। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह समारोह आयोजित करने के लिए बालिकाओं का पंजीयन कर विवाह करवाकर योजना से लाभांवित करे। सभी बसो में किराया सूची एवं सभी बस स्टैंड पर किराया सूची प्रदर्शित करने के लिए जिला परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया गया। सभी एसडीएम डायवर्जन परिवर्तित भू-भाटक, आरआरसी की वसूली पर विशेष ध्यान दे।

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