अलीराजपुर, पारस सिंह भदौरिया की रिपोर्टः प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं पर करोड़ों रूपया खर्च करने का दावा करती है और खासतौर पर महिला स्वास्थ्य पर सरकार कहती है कि उसका विशेष फोकस हैं। सरकार के इन तमाम दावों को हमारी यह ख़ास रिपोर्ट पोल खोल रही है कि किस तरह आदिवासी अंचल में सरकारी दवाईयां कूडे के ढेर में फेंक दी गई और फिर उसे आग के हवाले कर दिया गया।
दरअसल, आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले की 87% महिलाएँ एनीमिया यानी खून की कमी का शिकार है इन महिलाओं मे खून की कमी दुर करने के लिए मैदानी सेहत विभाग के अमले द्वारा महिलाओं को खून बढाने का सायरप ओर गोलियाँ दिये जाने का नियम है लेकिन अलीराजपुर का मैदानी सेहत विभाग का अमला इन खून बढाने वाली दवाईयों का क्या हाल कर रहा है जरा आप भी तस्वीरों में गौर से देखिए।
यह तस्वीरें अलीराजपुर जिले के जोबट के सामुदायिक चिकित्सालय के पिछले हिस्से की है। यहां पड़ी इन सायरप को देखिए यह वही सायरप है जिन्हें महिलाओं को खून बढाने के लिए दिया जाना था मगर यह महिलाओं को वितरित ही नहीं किए गए।
अब यह सायरप एक्सपायर हो गया तो कुडेदान मे पटक दिया गया। जब झाबुआ आजतक के जोबट रिपोर्टर पारससिंह भदोरिया ने जब सामुदायिक चिकित्सालय जोबट के पिछले हिस्से की तस्वीरे ली तो सामुदायिक चिकित्सालय के कर्मचाररियों को इसकी भनक लग गई ओर कुछ ही मिनटों में उन्होंने सायरप के पैकैट को आग के हवाले कर दिया…लेकिन झाबुआ आजतक की टीम ने जले हुए इस पैकैट को फिर से अपने कैमरे मे कैद कर लिया..अब जांच का विषय यह है कि आखिर यह सायरप बंटे क्यों नहीं और इसके लिए जिम्मेदार कौन। जले हुए सायरप को देखिए इस एक्सक्लूजिव वीडियो में।