मांगों को लेकर सात दिनों से जारी अतिथि शिक्षकों की हड़ताल की सरकार कर रही अनुसनी

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
सरकार की झूठी घोषणाओं व झूठे वादे आश्वासन को लेकर अतिथि शिक्षकों में दिनोदिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 17 जनवरी से तहसील कार्यालय थांदला पर अतिथि शिक्षक कलमबंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं परंतु सरकार उनकी अनसुनी करती नजर आ रही है। शिक्षा मंत्री पारस जैन ने 19 जनवरी को शाहजहानी पार्क भोपाल में प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन में पहुंचकर कहा था कि आप छात्रों के भविष्य की चिंता करो सरकार आपके भविष्य की चिंता करेगी, और मुझे आपके बीच मुख्यमंत्री ने पहुंचाया है और कहा है कि आपकी समस्या तीन माह में हल कर दी जाएगी परंतु आज 23 जनवरी को 12 माह पूर्ण हो चुके हैं। सरकार ने आज तक हमारी एक भी मांग का निराकरण नहीं किया गया हैं और न ही सरकार द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा जिसमें अतिथि शिक्षकों को भी गुरुजी शिक्षकों की तरह विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक बनाया जाए तथा वल्लभ भवन भोपाल मंत्रालय में माह अगस्त 2016 में अतिथि शिक्षकों का वेतन दोगुना मिलेगा पर सहमति बनी थी, किन्तु आज तक दोगुना वेतन अतिथि शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा है। इतने कम वेतन 2400, 3500 व 4500 रुपए में अतिथि शिक्षक अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएंगे। साथ ही साथ यह अल्प वेतन भी समय पर न देकर तीन से चार माह में दिया जाता हैं। सरकार ने अतिथि शिक्षकों का जीवन बर्बाद कर दिया गया है। यह बात अतिथि शिक्षकों के ब्लॉक अध्यक्ष अर्जुनसिंह मेड़ा ने अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। धरने स्थल पर सैकड़ों अतिथि शिक्षक शामिल होकर हड़ताल को सतत जारी रखे हुए हैं। संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ की मांगों को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन का हिस्सा बने कांग्रेस के जनप्रतिनिधि कांग्रेस उपाध्यक्ष नगीन शाहजी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज मध्यप्रदेश के शिक्षकों पर घोर अन्याय हो रहा है और आने वाले समय में कांग्रेस सत्ता में आती है तो उनकी हर संभव मदद की जाएगी। फिलहाल वे शिक्षकों के सम्मान की लड़ाई में उनके साथ है। उनके साथ कांग्रेस के जसवंत भाबर, जितेंद्र धामन, फौजदारसिंह डामोर, राजेश डामोर, कादर खान, विकास रावत, मनीष अहिरवार, सुधीर भाबर सहित अन्य कांग्रेसी भी संविदा शिक्षकों के साथ धरने पर बैठे।

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