गायत्री शक्तिपीठ ने छात्रों को बताया गायत्री मंत्र व चालीसा का महत्व

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
अखिल विश्व गायत्री परिवार से संबद्ध गायत्री शक्ति पीठ पेटलावद द्वारा विगत दिनो आयोजित की गई। बाल संस्कार कार्यशाला के बाद नगर के विभिन्न वार्डो में बाल संस्कार शाला लगाने की योजना के तहत स्थानीय कन्या आश्रम में बाल संस्कार शाला मंजु निलेश पालीवाल ने प्रारंभ की। इसके अंतर्गत पालीवाल ने छात्राओ व बच्चो को गायत्री मंत्र व गायत्री चालीसा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दैनिक जीवन के क्रिया कलापो में संस्कारो, नियमित जीवन शैली, बडो का आदर, परिवार में स्नेहपूर्ण वातावरण, समाज व राष्ट्र के प्रति अपनी जवाबदारी, दैनिक जीवन में व सार्वजनिक स्थानों पर मूलभूत नियमो का पालन करना आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा कर अपने जीवन में उतारने की बात कही। बाल संस्कार शाला में आश्रम में अध्ययनरत छात्राओं काली सिंगाड व जीया भूरिया का गायत्री पद्धति से मत्रोच्चार के साथ जन्मदिन मनाया गया व छात्रावास की शिक्षिकाओं व बच्चों ने दोनो का शुभकामनाएं दी व मिठाई खिलाई। इस अवसर पर छात्रावास अधीक्षिका नीना जमरा भी उपस्थित थी। गायत्री परिवार ट्रस्टी ज्योति भटेवरा ने बताया कि महिला मंडल की सदस्य मनीषा दुबे, अनिता चौहान, धापू राठौड, राजेशबाला भटेवरा, अनुसुईया सोनी, कविता भटेवरा, मधुकांता सोनी, रूकमणी सोनी, दुर्गेश पांचाल, भुली परमार आदि द्वारा प्रत्येक रविवार को अन्य मोहल्लो व वार्डो में भी बाल संस्कार शाला आयोजित की जाएगी। पेटलावद की प्रथम बाल संस्कार शाला प्रारंभ करने पर प्रधानट्रस्टी केएस राठौर, हेमंत शुक्ला, मोतीलाल गामड, मोहन राठौड, सत्यनारायण पालीवाल, जवाहर भटेवरा, रामाजी पटेल, निलेश पालीवाल, रूपेश भट्ट, निलेशसिंह कुशवाह, निलेश भट्ट, धर्मेन्द्र दुबे, दामोदर मिस्त्री, गोपाल चौधरी, मांगीलाल मुलेंवा ने महिला मंडल के कार्य की सराहना करते हुए बधाई दी है।

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