थांदला में 26 जनवरी से पॉलिथीन-प्लास्टिक प्रतिबंध, होगा 100 से 500 तक जुर्माना

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980xझाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-               नये वर्ष में प्रवेश के साथ नगर प्रकृति संरक्षण हेतु विशेष कदम उठाने जा रहा है। अगर आप पॉलिथीन एवं प्लास्टिक डिस्पोजल का उपयोग या क्रय विक्रय करते है तो 26 जानवरी 2017 के बाद इसे उपयोग में लाना एवं क्रय विक्रय करना दंडनीय होगा। पॉलिथीन एवं प्लास्टिक डिस्पोजल से पर्यावरण पर हो रहे हानिकारक प्रभाव के चलते एसडीएम सत्यनारायण दर्रा के निर्देश पर नगर परिषद थांदला द्वारा नगर में 26 जनवरी से इसे पूर्णत: प्रतिबंधित करने हेतु आदेश जारी कर व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं को निर्देशित किया है कि 26 जनवरी के पूर्व वे अपना स्टॉक समाप्त कर दे। नगर परिषद प्रभारी सीएमओ शीतल जैन ने बताया कि 26 जनवरी के उपरांत अगर किसी भी दुकानदार द्वारा पॉलिथीन, प्लास्टिक एवं डिस्पोजल के उपयोग करते हुए पाए गए तो उनसे 100 से लेकर 500 रुपए तक का अर्थदंड वसूला जाएगा। सीएमओ जैन ने कहा कि नगर में मुनादी कर इस हेतु सूचना नगरवासियों को दी जा चुकी। प्रकृति प्रेम एवं स्वप्रेरणा से नगरवासी इस पर्यावरण हितैषी कार्य में सहयोग करने की अपील सीएमओ ने जारी की है।
प्रयास निरंतर जारी है-
नगर की नगर विकास समिति द्वारा भी इस ओर नगरवासियों को जाग्रत करने हेतु कई कार्यक्रमों को आयोजित किया जा चुका है आगामी 8 जनवरी 2017 को ‘पॉलिथीन मुक्त कैसे हो नगर’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमे नगर की समस्त स्कूलों के बच्चों द्वारा प्रतिभागी होकर उपरोक्त विषय पर आयोजित निबंध-भाषण-प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट के माध्यम से नगरवासियों को इसके लिए जाग्रत किया जाएगा।
यह होगा विकल्प-
पॉलिथीन, प्लास्टिक एवं डिस्पोजल विकल्प के रुप मे पेपर बैग, फलालेन बैग, बास्केट- कपड़े की थैलियां, पेपर डिस्पोजल, स्टील ग्लास आदि समेत कई विकल्प बाजार में मौजूद है।
दुष्परिणामों से सराबोर है पॉलिथीन-
आधुनिक युग में सुविधाओं के विस्तार ने सबसे अधिक पर्यावरण को ही चोट पहुंचाई है। लोगों की सुविधा के लिए इजाद किया गया पॉलिथीन अब मानव जाति के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है। नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उर्वरा क्षमता को खत्म कर रहा है और भू-जल स्तर को घटा रहा है। इसका प्रयोग सांस और त्वचा संबंधी रोगों के साथ ही कैंसर का खतरा भी बढ़ा रहा है। यह गर्भस्थ शिशु के विकास को भी रोक सकता है। पॉलिथीन को जलाने से निकले वाला धुआं ओजॉन परत को नुकसान पहुंचा रहा है जो ग्लोबल वार्मिंग का बड़ा कारण है। प्लास्टिक के ज्यादा संपर्क में रहने से लोगों के खून में थेलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है। इससे गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास रुक जाता है और प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचता है। पॉलिथीन का कचरा जलाने से कार्बन डाईऑक्साइडए कार्बन मोनोऑक्साइड एवं डाईऑक्सीस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती हैं। इनसे सांसए त्वचा आदि की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है। पॉलिथीन सीवर जाम का सबसे बड़ा कारण है। यह नालियों से होता हुआ सीवर में जाकर जमा हो जाता है। इससे गंदे पानी का बहाव बाधित होता है।

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