अपर कलेक्टर के पद पर चयनित होकर राकेश ने किया अंचल का नाम रोशन, एसटी वर्ग में मध्यप्रदेश में रहे अव्वल

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झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से मयंक गोयल की रिपोर्ट-
राणापुर के साधारण शिक्षक परिवार में जन्मे राकेश परमार द्वारा ग्रामीण अंचल में अशिक्षा के लगे धब्बे को मिटाते हुए अंचल का नाम रोशन किया एवं वर्ष 2014 बैंच में अपर कलेक्टर के पद पर चयनित हुए। राकेश अपने वर्ग में पूरे मध्यप्रदेश मे अव्वल रहे साथ ही प्रारंभ से ही पढाई में अव्वल रहने वाले राकेश ने वर्ष 2002 में संविदा नियुक्ति के बाद कई पदों पर चयन हुए। ग्राम डाबतलाई मे अपनी प्रांरभीक शिक्षा पूर्ण की साथ ही झाबुआ से स्नात्कोत्तर जुलोजी में की एवं उसके उपरांत चयन परीक्षाओं को पार करते हुए वर्तमान में वर्ष 2014 की बैंच में अपर कलेक्टर के पद पर चयनित हुए। राकेश के पिता रमणलाल परमार स्वयं सहायक शिक्षक वर्तमान में खेरमाल में पदस्थ है तथा उनकी माता कुकी परमार के मार्गदर्शन एवं सरंक्षण में आज उक्त पद पर पहुंचे जिसे लेकर स्वयं राकेश अपने माता एवं पिता की मेहनत का नतीजा मानते हैं जिसके चलते आज वे इस मुकाम पर हैं। राकेश के वर्ष 2014 बैंच मे ंअपर कलेक्टर के चयन की खबर मिलते ही परिजनों एवं इष्ट मित्रों की बधाई का तांता लग गया वही मित्रों के साथ नगर के वरिष्ठों ने भी राकेश परमार को उपलब्धी पर बधाइयां दी।
प्रारंभ से ही अव्वल रहे राकेश
राकेश की प्रारंभिक शिक्षा ग्राम डाबतलाई से प्रारंभ हुई जिसके उपरांत उनके द्वारा राणापुर से हायर सेकण्डरी की तथा स्नातक बायो में एवं स्नाकोत्तर की डिग्री झाबुआ के पीजी कालेज से जुलोजी विषय मे अव्वल करी। उसके उपरांत उनके द्वारा कई पदों पर सफर करते हुए जिनमें 2002 में संविदा नियुक्ति पर शिक्षण कार्य करवाया एवं वर्ष 2004 पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी बने तो 2007 में फारेस्ट रेंजर, 2008 में सहायक संचालक बीमा निधि संपरीक्षक के पद पर तो वर्ष 2010 में नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुए। साथ वर्ष 2012 की बैंच में वे मुख्य नगर पालिका अधिकारी बने वहीं वर्तमान में 2014 की बैंच में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ ।

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