बरसों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा खस्ताहाल पारा-राजगढ़ मार्ग

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झाबुआ लाइव के लिए अशोक बलसोरा की रिपोर्ट-
प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान प्रदेश के सर्वांगीण विकास के दावे कर रहे हैं और अपने मुख्यमंत्री काल के 11 वर्ष मना रहे हैं लेकिन आज भी कई ऐसे अधूरे कार्य पड़े हैं जो बरसों से पूरा होने की राह तक रहे हैं तथा कुछ कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े हुए हैं। कहने को तो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना है जिसमें पारा से लेकर राजगढ़ तक टुकड़ों-टुकड़ों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाया गया लेकिन वर्तमान समय में झूमका से लेकर दतियाघाटी तक रोड गड्ढों में तब्दील होकर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इस मार्ग से निकलने वाले वाहन चालक गड्ढों में रोड ढूंढकर अपना सफर पूरा कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना गारंटी के तहत होती है लेकिन लालफीताशाही एवं ठेकेदार की मिलीभगत के चलते यहां से गुजरने वाले मुसाफिरों व वाहन चालकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
आखिर क्यों मौन है जिम्मेदार
इस मार्ग को लेकर दिग्विजयसिंह के कार्यकाल के याद तरोताजा हो जाती है, यह ऐसा मार्ग जो बरसों से अपने खस्ताहाल पर आंसू बहा रहा है। यह प्रदेश का एकमात्र जैनतीर्थ स्थल को भी जोड़ता है। साथ ही साथ राष्ट्रीय राजमार्ग का सहायक मार्ग भी घोषित है साथ ही गुजरात राज्य को जोडऩे वाला शार्टकट मार्ग भी है। लेकिन उसके बावजूद यहां के जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी इस मार्ग की सुध नहीं ले रहे हैं।
परेशानों की जुबानी-                                                             ‘इस मार्ग को लेकर कई मर्तबा जनप्रतिनिधियों को अवगत करवा दिया गया है, लेकिन ओवरलोड वाहनों के चलते यह मार्ग खस्ताहाल हो चुका है और सफर में काफी कठिनाइयां आ रही है।                                                          – यासीन पठान, कंडक्टर
‘पारा से लेकर राजगढ़ तक के मार्ग निर्माण की मांग करके अब थक चुके हैं, लेकिन आज तक यह मार्ग नहीं बनाया गया है। खस्ताहाल मार्ग के चलते वाहनों में टूट-फूट से नुकसान हो रहा है।                                               – कोमलसिंह डामोर,बस ऑनर

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