जवानों को अपना खाना भी खुले में ही स्वयं को बनाना पडता है.जवानों का सामना भी खुले में ही पडा रहता है.
झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पेटलावद की सुरक्षा देने वालों के लिए कोई सुविधा नहीं है। वे नगर की अमन-चैन और शांति के लिए लगातार 13 दिनों से ड्यूटी कर अपना फर्ज निभा रहे है किन्तु यह किसी को नहीं मालूम की वह अपनी ड्यूटी किन स्थितियों में करते है। पेटलावद की घटना के 13 दिन बाद हर कोई उस घटना को भूल कर अपने काम में लग गए किन्तु दीपावली करीब होने के बावजूद भी यह जवान अपने घरों से हजारों किमी दूर त्योहार पर भी नगर की सुरक्षा में लगे हुए हैं। 12 अक्टूबर की घटना के बाद पेटलावद में 75 सागर सशस्त्र पुलिस बल के दल को भेजा गया था, जो कि आज भी पेटलावद नगर में ही ड्यूटी कर रहा है, किन्तु इन पुलिस जवानों के न तो रहने की व्यवस्था है न ही खाने पीने की व्यवस्था है। मंडी पर खुली जगह में रह रहे है जहां केवल एक पानी का टैंकर नगर परिषद द्वारा पहुंचा दिया जाता है वहीं पानी को पीना भी है और उसमें खाना बनाना और नहाना-धोना करना है। स्वच्छता अभियान का भी मजाक-
यहां तक की स्वच्छता अभियान का मजाक भी उड़ाया जा रहा है. यह सभी जवान पिछले 13 दिनों से शौच आदि कार्य खुले में कर रहे है, जहां एक ओर शासन प्रशासन स्वच्छता का बाजा बजा रही है। वहीं सरकार को अपने ही जवानों की कोई फिक्र नहीं है उनके लिए शौचालय संबंधित कोई व्यवस्था नहीं की गई। खुले में सोते है
ये सभी जवान रात्री में खुले में सोते है। इन दिनों ठंड बढ़ गई है तो इनकों परेशानी का सामना करना पडता है, जहां मच्छरों से भी परेशानी होती है वहीं पूरी रात ठंड का भी सामना करना पडता है। यही नहीं जवानों में से 15 जवानों की तो तबीयत भी बिगड़ गई है, फिर भी वे नियम रूप से ड्यूटी कर रहे है। खुले में सोने के कारण रात को नींद नहीं पूरी होती है, तीन टर्म में 8-8 घंटे की ड्यूटी दे रहे हैं। खुद का खाना खुद पकाना-
सभी जवान मिलजुल कर अपने लिए खाना बनाते है. उन्हे अपना खाना स्वयं ही बनाना पड रहा है, यहां तक की किराना सामग्री और अन्य सामान भी स्वयं खरीदकर लाते है। खुले में स्वयं ही पकाते है, लगभग 13 दिनों से यही क्रम चल रहा है, कोई उनकी और ध्यान नहीं देता है, यहां तक की गैस टंकी भी अपने साथ लाए थे अन्यथा लकडिय़ों और कंडे बीनकर खाना बनाते है। जवानों का कहना है कि आखिर हम क्या करे ड्यूटी करे या खाना बनाए और अन्य काम करें। 15 से 20 पाईंट-
जवानों की रहने की व्यवस्था नगर से 2 किमी दूर मंडी पर की गई है, जहां से प्रतिदिन उन्हे अपने पाईंट पर पैदल ही आना जाना पडता है दिन में तो ठीक है रात्री में जब ड्यूटी तब्दीली होती है, तब परेशानी आती है। नगर के लगभग 20 पाईंट बनाए गए है जहां यह जवान सतत 13 दिनों से ड्यूटी कर रहे है.नगर के बरवेट रोड पर, पुराना बस स्टैंड पर, मस्जिद के समीप, नया बस स्टैंड, राजापुरा मोहल्ला सहित नगर के सभी सेंसेटिव पाइंट पर ड्यूटी की जा रही है।