रोटरी ने 112 साल में छूआ कई बड़े-बड़े आयामों को – सांसद कांतिलाल भूरिया

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6झाबुआ। रोटरी क्लब झाबुआ का 42वां अधिष्ठापन समारोह एवं रोटरी मंडल 3040 के पूर्व सहायक मंडलाध्यक्ष यशवंत भंडारी के काव्य संग्रह ”आनंद अश्रु ” का भव्य विमोचन कार्यक्रम शनिवार शाम स्थानीय पैलेस गार्डन में गरिमामय रूप से संपन्न हुआ। जिसमें एक ओर जहां सुशोभित वातावरण में रोटरी, इनरव्हील, रोटरेक्ट एवं ग्रामीण सेवा प्रकल्प के पदाधिकारियों ने पदभार ग्रहण किया तो दूसरी ओर समारोह में देशभक्ति तरानों ने भी समां बांधा। इस आयोजन की विशेषता यह रहीं कि इसमें हर समाज एवं क्षेत्रों के लोगों की महत्वपूर्ण सहभागिता रही। अतिथियों ने खुले ह्रदय से रोटरी क्लब एवं मंडल के 112 साल में पूरे विश्व में किए गए सेवा कार्यो एवं झाबुआ में 42 बरसों में हुए कार्यों पर प्रकाश डाला व इस शहर की विशिष्ट प्रतिभाओं एवं मरणोपरांत नेत्रदान करने वाले महानुभवों के परिजनों का भी अभिनंदन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में सांसद कांतिलाल भूरिया, आध्यात्मिक गुरू विश्वास परितोश, भारत स्काउट गाइड की प्रादेशिक उपाध्यक्ष डेजीरानी जैन, कलेक्टर आशीष सक्सेना, जिला पंचायत सीईओ अनुराग चौधरी ने शिरकत की। इस दौरान केके त्रिवेदी, मनोहरलाल भंडारी, विपिनकुमार जैन, विनोद बाफना, प्रफुल्ल गादिया, निर्मल मेहता उपस्थित थे। समारोह में हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेडी सक्सेना ने भी विशेष रूप से सहभागिता की। समारोह स्थल पर रोटरी मंडल 3040 के जनक पाल हेरिस का भी चित्र शोभायमान किया गया।
नवीन पदाधिकारियों ने किया पदभार ग्रहण
इसके पश्चात सभी अतिथियों द्वारा रोटरी क्लब झाबुआ के अध्यक्ष उमंग सक्सेना, सचिव शैलेन्द्र चोरे, इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष ज्योति रांका एवं सचिव राजकुमारी देशलहरे, रोटरेक्ट क्लब के अध्यक्ष रिंकू रूनवाल, सचिव राकेश सोनी, ग्रामीण सेवा प्रकल्प के अध्यक्ष नटवरसिंह डोडियार एवं सचिव पद पर लक्ष्मणसिंह गणावा को पुष्पमाला एवं पुष्प गुच्छ भेंट किया गया तथा बेंच लगाकर पदभार ग्रहण रोटरी के पूर्व मंडलाध्यक्ष रो. आलोक बिल्लौरे एवं सहायक मंडलाध्यक्ष रो. विनोद बाफना ने करवाया।
मेरा विद्यार्थी जीवन से है रोटरी से नाता
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद कांतिलाल भूरिया ने बताया कि रोटरी की स्थापना वर्ष 1905 में हुई। यह एक महान संस्था है। मैं अपने विद्यार्थी जीवन से रोटरी से जुड़ा हुआ है। आज रोटरी मंडल को 112 साल हो गए वहीं झाबुआ में रोटरी क्लब को इसका संचालन करते हुए 42 वर्ष पूरे हो चुके है, मैं इसके लिए रोटरी के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों बधाई के पात्र है। इस दौरान रोटरी ने कई बड़े-बड़े आयामों को छुआा है। इस क्लब मे सर्वानुमति से मनोनयन होता है एवं सभी मिलकर कार्य करते है। समाजसेवा में कभी भी राजनीति का समावेश नहीं होना चाहिए।
रोटरी करती है नि:स्वार्थ समाजसेवा
कलेक्टर आशीष सक्सेना ने कहा कि रोटरी क्लब आनंद का साधन है। इसमें भाईचारे और समन्वय की भावना है तथा यह संस्था हर क्षेत्र में अग्रणी रहती है। उन्होंने आगे कहा कि समाजसेवी नि:स्वार्थ होना चाहिए, जो संस्था में है। इसने नित नए आयामों एवं लक्ष्यों को प्राप्त किया। सक्सेना ने संस्था को जिला प्रषासन की ओर से हर संभव मद्द करने का आश्वासन भी इस दौरान दिया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे मंडलाध्यक्ष आलोक बिल्लौरे ने कहा कि मैं इस समारोह में आकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं तथा ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिस तरह राष्ट्रीय स्तर के समारोह होते है, इसी तरह की अनुभूति इस समारेाह में शामिल होकर हो रहीं है। उन्होंने कहा कि रोटरी में मर्यादा, मानवता और आदर सत्कार की भावना है। रोटरी की आज के समय से अत्यंत आवश्यकयता है। रोटरी में वर्तमान में साढ़े 12 लाख सदस्य है। इस संस्था में अधिकतर रोटेरियन व्यवसायिक क्षेत्रों से जुड़े है। यह संस्था हीरे को तराशने का काम करती है।
जिपं सीईओ का किया गया सम्मान
जिला पंचायत सीईओ अनुराग चौधरी द्वारा सामाजिक न्याय के क्षेत्र में जिला पंचायत के माध्यम से वृद्धजनों के लिए विशेष प्रयास कर जिले का नाम देष में रोषन करने एवं उन्हें इस हेतु महामहिम राष्ट्रपति द्वारा विशेष अवार्ड प्रदान किए जाने पर समारोह के दौरान उनका शॉल-श्रीफल, माला एवं पुष्प गुच्छ से सम्मान किया गया।
विशिष्ट प्रतिभाएं एवं नेत्रदाता परिजन हुए सम्मानित
विशिष्ट प्रतिभाओं में नीट 2016 की परीक्षा में शहर का नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों पार्थ स्वप्निल सक्सेना, पुनित संजय सकलेचा, पूर्वा राकेश त्रिवेदी एवं संजीव खतेडिय़ा के परिवारजनों के साथ वहीं मंरणोपरांत नेत्रदान करने वाले नेत्रदाताओं के परिजनों में महेन्द्रसिंह पंवार द्वारा नेत्रदान करने पर यशवंतसिंह पंवार, स्व. चंद्रिकाजी द्वारा नेत्रदान करने पर गट्टुलालजी शाह, स्व. जवरचन्दजी द्वारा नेत्रदान कर ने पर संजय जैन, स्व. कृष्णा देखणे के लिए उदय देखणे एवं उनके परिवारजनों, स्व. सुषमा के लिए लोकेन्द्र संघवी, स्व. पूनमचंद कोठारी के लिए विशाल कोठारी, स्व. कनकलता के लिए प्रदीप बाबेल, स्व. चमेलीदेवी के लिए भरत बाबेल, स्व. शुभम के लिए नीरज गादिया, स्व. चन्दशेखर जैन के लिए सौरभ जैन, स्व. माणकलालजी के लिए अंतुल भंडारी, स्व. चंदाबाई के लिए जसवंतसिंहजी, स्व. मंगीबाई सकलेचा के लिए उनके परिवारजनों का सम्मान किया गया। समारोह के दौरान सबसे बड़ा दान मरंणोपरांत के बाद अपना देहदान का संकल्प लेने वाले जयेन्द्र बैरागी का विशिष्ट सम्मान अतिथियों ने किया एवं उनके इस संकल्प की सराहना की।

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