झाबुआ ”आजतक डेस्क’ लोकेंद्र चाणोदिया स्पेशल रिपोर्टः धुलेंडी के दिन झाबुआ जिले में आस्था का संगम देखने को मिला। यहां दशकों पुरानी परंपरा को निभाते हुए हजारों श्रद्धालु नंगे पैर धधकते हुए अंगारों पर चले। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए।
दहकते अंगारो की श्रद्धा झाबुआ जिले के पेटलावद तहसील के ग्राम करवड मेें देखने को मिली। जहां पर पिछले 100 वर्षो से माताजी के मंदिर के बाहर 18 फीट लम्बी चुल पर भक्त होलिका दहन के अगले दिन अपनी सच्ची आस्था के साथ जलते अंगारो पर चलते है।
- माताजी मंदिर के सामने 18 फीट लम्बी लगभग 2-3 फिट गहरी चुल खोदी जाती है।
- जिसमें लकडियां व अन्य सामग्री से अंगारों को तैयार किया जाता है।
- अंगारो के तैयार होने के बाद कई किलो घी उसमें डाला जाता है जिसके बाद दहकते अंगारो तैयार होते है।
- इन दहकते अंगारों पर चलने वाले श्रद्घालु बकायदा गांव के बाहर एकत्रित होकर नगर भ्रमण करते हुए चूल के स्थान पर पंहुचते है और श्रद्घा के साथ चुल में चलते है।