शिक्षक स्कूल से नहीं पद से विदा होता है- एसडीएम सोलंकी

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शिक्षक दिवस: स्व. यशवंत घोड़ावत की स्मृति में आयोजित समारोह में तहसील पत्रकार संघ ने किया सेवानिवृत्त शिक्षको का सम्मान
p2 p3झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
शिक्षक देश के भविष्य को दिशा देने वाला होता है। सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाएं कभी स्कूल से विदा नहीं होते। वह अपने पद से विदा होते हैं। समाज में सबसे ऊंचा स्थान गुुरू का ही होता है। गुुरू के प्रति हमारे मन में तन-मन और धन से सच्चा समर्पण होना चाहिए। यह बाते एसडीएम सीएस सोलंकी ने कही। वे ग्रामीण पत्रकारों के संरक्षक स्व. यशवंत घोड़ावत की स्मृति में शिक्षक दिवस पर आयोजित सेवानिवृत्त शिक्षकों के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में एसडीओपी राकेश व्यास, बीईओ शकुंतला शंखवार मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता तहसील पत्रकार संघ के अध्यक्ष मोहन पडिय़ार ने की। समारोह की शुरूआत अतिथियो ने मां सरस्वती के चित्र पर विधिवत पूजा-अर्चना कर माल्यार्पण कर की। स्वागत भाषण अध्यक्ष मोहन पडिय़ार ने दिया। एसडीएम सोलंकी ने कहा कि शिल्पकार एवं कुम्हार की भांति ही स्कूलों एवं उसके शिक्षकों का यह प्रथम दायित्व एवं कत्र्तव्य है कि वह अपने यहां अध्ययनरत सभी बच्चों को इस प्रकार से संवारे और सजाये कि उनके द्वारा शिक्षित किए गए सभी बच्चेे विश्व का प्रकाश बनकर सारे विश्व को अपनी रोशनी से प्रकाशित कर सकें। इस प्रकार शिक्षक उस शिल्पकार या कुम्हार की भांति होता है जो प्रत्येक बालक को समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप एक सुंदर आकृति का रूप प्रदान कर, उसे समाज का प्रकाश अथवा उसे विकृत रूप प्रदान कर समाज का अंधकार बना सकता है। विशेष अतिथि के रूप में एसडीओपी राकेश व्यास ने कहा भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक गुणों से ओतप्रोत शिक्षको के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराईयों को समाप्त करके एक सुंदर, सभ्य एवं सुसंस्कारित समाज का निर्माण किया जा सकता है। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन भी ऐसे ही महान शिक्षक थे, जिन्होनें अपने मन, वचन और कर्म के द्वारा सारे समाज को बदलने की अदभूत मिसाल प्रस्तुत की। वास्तव में ऐसे ही श्रेष्ठ शिक्षकों के मार्गदर्शन द्वारा इस धरती पर ईश्वरीय सभ्यता की स्थापना होगी।
बीईओ शकुंतला शंखवार ने कहा शिक्षक एक सुंदर, सुसभ्य एवं शांतिपूर्ण राष्ट्र व विश्व के निर्माता है। शिक्षकों को संसार के सारे बच्चों को एक सुंदर एवं सुरक्षित भविष्य देने के लिए व सारे विश्व में एकता एवं शांति की स्थापना के लिए बच्चों के कोमल मन-मस्तिष्क में भारतीय संस्कृति, संस्कार व सभ्यता के रूप में वसुवैध कुटुम्बकम के विचार रूपी बीज बचपन से ही बोने चाहिए। समारोह में सेवानिवृत्त शिक्षक अमृतलाल मेहता, डीपी परमार ने भी अपने विचार रखे। समारोह में खास बात यह रही कि जो अतिथि समारोह में मौजूद थे। जब संचालनकर्ता ने उनके सम्मान के लिए कहा तो सभी अतिथियों ने न कह दिया और एक आवाज में सभी ने बोला कि आज शिक्षक दिवस है और इस महत्वपूर्ण दिन पर उनके सामने कई शिक्षक मौजूद है। सम्मान का हक सिर्फ उन शिक्षको का है। हमारे लिए यही गर्व की बात है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों का किया गया सम्मान-
समारोह में पत्रकार संघ की ओर से सेवानिवृत्त शिक्षक सत्यनाराणसिंह भाटी, डीपी परमार, मूलचंद काग, अमृतलाल मेहता, गोविंदलाल नागर, हरिश शुक्ला, नारायणराव पंवार, नारायणसिंह भारती, मधुसूदन दवे, भरतलाल नागर, परसराम जी चौधरी , मंदाकनी पंवार, कुंदा पंवार, नरेंद्र मोन्नत, ओएस मेड़ा को शाल-श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। वहीं समारोह के बाद प्रीतिभोज का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर वीरेंद्र भट्ट, अनिल मूथा, मनोज पुरोहित, मनोज जानी, मुकेश सिसौदिया, हरिश राठौड़, मनोहरसिंह डोडिया, निलेश सोनी, निलेश कुशवाह, सलमान शेख, चेनालाल गेहलोत, शानु ठाकुर, भाटी सहित स्कूली छात्र-छात्राएं मौजूद थे। समारोह का सफल संचालन पत्रकार हरिशंकर पंवार ने किया। आभार युवा पत्रकार लोकेंद्रसिंह परिहार ने माना। उक्त जानकारी मिडिया प्रभारी सलमान शेख ने दी।
मीडिया प्रभारी की नियुक्ति की-
समारोह के समापन के बाद तहसील पत्रकार संघ के अध्यक्ष मोहन पडिय़ार ने अपने मीडिया प्रभारी की घोषण की, जिसमें युवा पत्रकार सलमान शेख को तहसील पत्रकार संघ का मीडिया प्रभारी बनाया गया। सभी पत्रकारों ने हर्ष व्यक्त कर उन्हें बधाई दी।

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