मार्च माह में हो रही बे मौसम बारिश से फसलों में होने वाले संभावित नुकसानों से बचाव के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने भोपाल से कृषको को सामयिक सलाह गत दिवस दी है। वैज्ञानिकों ने बताया कि बे मौसम बारिश से फसलों में नुकसान हो सकता है मुख्य फसल गेहूँ का ढंठल बेलनाकार एवं खोखला होता है। इस कारण वह गिर जाने पश्चात पुनः खड़ा नहीं हो पाता है। इससे गेहूँ के दानों का रंग एवं वजन क्वालिटी में नुकसान की संभावना है।
गेहूँ एवं चने की फसल को मौसम साफ होने की उपरान्त ही कटाई करें। फसलों का बड़ा ढेर न बनायें खेत में छोटे-छोटे बंडलों को हवा लगने दें एवं समय-समय पर पलटते रहें। खलिहान पक्का होने से नुकसान कम होता है, अतः कटी हुई फसलों को पक्के खलिहान में इकटठा करें। मौसम साफ होने पर इन्हें फैला दें। भण्डारण कक्ष में 8 प्रतिशत नमी होने पर ही फसलों की संरक्षित करें। भण्डारण कक्ष में मैलाथियान एवं बाविस्टीन मिलाकर दीवारों पर छिड़काव करें। जूट के बोरों को मैलाथियान दवा से डूबो कर सुखा कर ही अनाज भण्डारित करें।