पयूर्षण पर्व पर भक्तिपाठ में जुटा जैन समाज

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झाबुआ लाइव के लिए राणापुर एमके गोयल की रिपोर्ट-
श्वेताम्बर जैन समाज के पर्वाधिराज पर्युषण सोमवार से शुरू हुए। राजेंद्र भवन में सुबह भक्तामर स्त्रोत व गुरु गुण इक्कीसा का पाठ हुआ।प्रभावना तरुण तेजमल सकलेचा की ओर से थी, जिन मन्दिर में स्नात्र पूजन पढ़ाई गई जिन प्रतिमाओं का प्रक्षाल हुआ। केशर चंदन से पूजा के लिए चढ़ावे बोले गए। आदिनाथ, सुविधिनाथ भगवान की पूजा की बोली शैलेश चांदमल सेठ ने लिया। गौतम स्वामीजी की अरविन्द शांतिलाल मोगरा ने, गुरुदेव की जितेंद्र शांतिलाल सालेचा ने ली। पहले दिन 13 श्राविकाओं ने पौषध व्रत किया। बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने उपवास-एकासने, आयम्बिल किये।विचार से व्यक्ति प्रसिद्धि पाता है जबकि आचार से व्यक्ति प्रभावशाली बनता है। उक्त प्रेरणादायी बात साध्वी चारित्रकला श्रीजी ने राजेंद्र भवन में हुई धर्मसभा में व्यक्त किए। पर्युषण के पहले 3 दिन अष्टान्हिका प्रवचन होंगे। 4 दिन कल्पसूत्र का वाचन होगा जबकि आखरी दिन संवत्सरी पर बारसा सूत्र वांचा जाएगा। साध्वी श्री ने पहले दिन के प्रवचन में श्रावक के पर्युषण में करने योग्य 5 कर्तव्य बताये। इसमें अमारी परिवर्तन, स्वधर्मीवात्सल्य, क्षमापना, तप, चैत्य परिपाटी शामिल है। श्रावक के वार्षिक 11 कर्तव्यों का वर्णन अगले 2 दिन में होगा। प्रवचन पश्चात लकी ड्रा का आयोजन हुआ। इसमें विजेताओं को प्रदीप शांतिलाल भंसाली की ओर से उपहार दिए गए।
रानू कटारिया रही प्रथम
साध्वीश्री की निश्रा में अतिक्रमण से प्रतिक्रमण की ओर एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया था। इसमें रानू कटारिया पहले स्थान पर रही।दूसरे स्थान पर सुनीता कटारिया, तीसरे पर प्रीति कटारिया चौथे पर विनीता नाहर पांचवे पर पूजा चौधरी रही। अन्य 7 प्रतियोगियों को भी पुरस्कार ललित समीरमल सकलेचा की ओर से दिए गए। दोपहर में तीर्थंकर पहचानों प्रतियोगिता हुई। सांयकाल प्रतिक्रमण व रात्रि में भक्ति हुई। इस दौरान दिलीप सकलेचा, रमेश नाहर, अनिल सेठ, राजेन्द्र सियाल, इंदरमल कटारिया, सुजानमल जैन, दिनेश नाहर सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। उक्त जानकारी मिडिया प्रभारी कमलेश नाहर व ललित सालेचा ने दी।

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