झाबुआ। अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद के 84वें शहादत दिवस पर स्थानीय आजाद चौक पर स्थित आजाद प्रतिमा स्थल पर आजाद जिला साहित्य परिषद्, उपभोक्ता हितैषी मंच, रोटरी क्लब झाबुआ द्वारा बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम उपभोक्ता हितैषी समिति के जिलाध्यक्ष जयेन्द्र बैरागी एवं बीएसएनएल यूनियन के जिला सचिव शरत शास्त्री द्वारा आजाद की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक किया गया। पश्चात् इतिहासविद् डाॅ. केके त्रिवेदी, रोटरी क्लब के पूर्व सहायक मंडलाध्यक्ष यशवंत भंडारी, आजाद जिला साहित्य परिषद् के पूर्व सचिव पं. गणेशप्रसाद उपाध्याय, वरिष्ठ नागरिक समिति के सदस्य पीडी रायपुरिया तथा साहित्यकार मनोज जैन के आतिथ्य में प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर सभी अतिथियो द्वारा प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
आजाद के बलिदान का किया बखान:
इस अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का शुभारंभ करते हुए यशवंत भंडारी ने कहा कि ‘अपने चित्त की चिंगारी से आजादी की ज्योति जला दी, अपनी ही आहूति से उस महायज्ञ की रस्म निभा दी’, ऐसे महान क्रांतिकारी सपूत को हम नमन करते है। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता इतिहासविद् डाॅ. केके त्रिवेदी ने कहा कि आजाद ने झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में ग्राम भाबरा में जन्म लेकर इस माटी को धन्य बना दिया है। सन् 1925 से लेकर 1931 तक आजाद, भगतसिंह एवं बिस्मिल जैसे महान क्रांतिकारी नेताओं ने सारे देश में क्रांति का अभूतपूर्व शंखनाद किया था। आपने आजाद की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि आजाद के विचार केवल भारत को आजादी दिलाने तक सीमित नहीं थे, आजाद चाहते थे कि इस देश का हर नौजवान बलवान, बुद्धिमान एवं चरित्रवान बने। आज आजाद के विचारों के अनुरूप, देश में युवाओं को नेतृत्व प्राप्त हो रहा है तथा एक नए युग की शुरूआत होने के आसार नजर आ रहे है।
इस अवसर पर शरत शास्त्री, गणेशप्रसाद उपाध्याय, पीडी रायपुरिया, मनोज जैन, सब्बीरभाई बोहरा, राजेन्द्र सोनी आदि ने भी अपने विचारों के माध्यम से आजाद के बलिदान को नमन किया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा का संचालन यशवंत भंडारी ने किया तथा आभार जयेन्द्र बैरागी ने माना।