भगोरिया के पहले फिर ‘पलायन’, चुनाव से बदला मिजाज, चिंतित हुए व्यापारी

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रानापुर से के. नाहर की रिपोर्टः पंचायत चुनावों में मतदान कर लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभा कर ग्रामीण फिर से मजदूरी के लिए गुजरात चल पड़े। मंगलवार को स्थानीय बस स्टेंड पर गुजरात जाने वाले ग्रामीणों की भारी भीड़ भाड़ रही। दाहोद जाने वाली दोनों बसों में जगह नहीं मिलने के बाद ग्रामीण महिला पुरुष जीपो में ऊपर बैठकर गए।

अगले सप्ताह भगोरिया पर्व शुरू हो रहे है। ऐसे में मौज मस्ती के शौकीन आदिवासी युवक युवतियों का यहां नही रुकते हुए फिर से काम पर चले जाने से त्यौहार के बजाय कमाई को महत्व दिया जाना सामने आ रहा है। भगोरिया के दौरान जोरदार व्यापार की उम्मीद संजोये बैठे व्यापारियों के माथे पर भी लकीरें खिंच गई है।

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ग्राम खड़कुई नरु एवं मड़िया चुनाव के लिए अपने परिवार के 11 सदस्यों के साथ आये थे।मंगलवार को सुबह से वापस जाने के लिए राणापुर बस स्टेंड पर साधन का इंतज़ार कर रहे थे।दोपहर 4 बजे तक उन्हें गाडी में जगह नहीं मिल सकी थी। नरु ने बताया कि चुनाव के लिए विशेष तौर पर प्रत्याशी ने खर्च देकर बुलाया था। अब चुनाव निबट गए है तो यहाँ रुकने से मजदूरी का नुकसान होगा इसलिए सभी वापस जा रहे है। भगोरिया नही मनाने का पूछे जाने पर उसने कहा कि हर साल तो मनाते आ रहे है। भगोरिया के लिए रुकना मतलब 10 दिन की मजदूरी का नुकसान।

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