एक घंटे में दो बाल्टी पानी दे रहे हैंडपंप, करोड़ों खर्च पानी के लिए मचा हाहाकार

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पानी के लिए दे रहे जान लेकिन जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से आशीष अगाल की रिपोर्ट- पानी के लिए अपनी जान तक देना पड़ रही है लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुंभकरणिय निंद में सौए हुए है। सोमवार को आजाद नगर के ग्राम भावटा में हैडपंप पर पानी भरने की बात को लेकर विवाद की स्थित निर्मीत हो गई देखते ही देखते विवाद इतना बड़ गया की पानी भरने आई 13 वर्षीय लड़की सुरमदा को अपनी जान गंवाना पड़ी। वहीं जिम्मेदार अधिकारियो को अवगत भी करवाया जा रहा है मंगलवार को भी पानी की समस्या को लेकर कलेक्टर वर्मा के पास अनेक आवेदन आए लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस और कोई ध्यान नही दे रहे है। जिससे ग्रामीणों में पानी को लेकर आए दिन विवाद कि स्थिति निर्मित होती है। वर्तमान में गर्मी ने दस्तक दे दी है अगर समय रहते इस और ध्यान नही दिया गया तो आगे स्थिति भयावह हो सकती है।
चारो और पानी के लिए हाहाकार

पानी की समस्या को लेकर कलेक्टर से मिलने आई ग्रामीण महिलाएं।
पानी की समस्या को लेकर कलेक्टर से मिलने आई ग्रामीण महिलाएं।

भीषण गर्मी की दस्तक के साथ भीषण जलसंकट के हालत बन गए है। गावो में पानी के लिए चारों तरफ हाहाकार मच गया है। और ग्रामीणों को दूर-दूर तक पानी नही मिल रहा है। ऐसी स्थिति में गांवां के लोगों को पानी के लिए भटकते देखा जा सकता है। हैडपंप,टयूबवेल का जलस्तर कम हो गया है। ज्ञात हो की जिले के छह विकासखंडो में जल संकट से निपटने के लिए प्रत्येक वर्ष योजनाएं बनाई जाती है। लेकिन यह योजना धरातल पर नही उतर पाती है। नतीजा यह होता कि गर्मी के चार महीने लोगो को पानी की परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष मार्च माह से ही सूखे के हालात बन गए है। जिन हैडपंपों और ट्यूवेल कुछ समय पहले तक अच्छा पानी निकलता था वे सभी ने अब दम तोड़ दिया है या फिर एक घंटे में दो बाल्टी पानी दे रहे हैं। सोंडवा विकासखंड के सहित अन्य विकासखंडो में यह स्थिती देखने को मिल सकती है।
करोड़ों रुपए खर्च, लेकिन स्थिति जस की तस
सूत्रों की माने तो प्रतिवर्ष विभाग के पास पानी की समस्या से निपटने के लिए करोड़ों रुपए आते हैं। । सवाल यह उठता की जब करोड़ों रुपए आता है फिर यह राशि जाती कहां है? समझ से परे हैं। पीएचई विभाग की लचर कार्यप्रणाली का खामियाजा ग्रामीणो को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र के कई इलाको में विभाग के द्वारा चलाई जा रही नल-जल योजना बंद पड़ी है। लेकिन ग्राम पंचायत से लेकर पीएचई विभाग ने इस दिशा में ध्यान देना मुनासिब नही समझा है। साथ ही इन इलाको में जो विभाग के द्वारा हैडपंप लगाए थे वे भी बंद हो चुके या बंद होने की कगार पर है। जिस वजह से ग्रामीणों को दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है। कभी कबार पानी को लेकर झगड़े की स्थिति भी बन जाती है।
फलिये मे एक भी सरकारी कुआं नहीं है
पलासदा के ग्रामीण रिंकी पातलसिंह, संगीता केरमसिंह, ममता सुनिल, पियंका जितेन्द्र, कलमसिंह पातलसिंह व विकास रामसिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत पलासदा के गाडरिया फलिये व पटेल फलिये में पेयजल की बहुत समस्या है। जिससे ग्रामीण काफी परेशान है। भीषण गर्मी के मौसम में बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों को पेयजल के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। फलिये में पालतु पशु और अन्य जानवर को भी पेयजल की काफी परेशानी आ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि हमारे फलिये में एक भी सरकारी कुआ नहीं है और केवल एक ही हेडपंप है वह भी काफी दूर है जिससे काफी दिक्कते आ रही है।

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