गुड़ी पड़वा पर निकाली कलशयात्रा

0

झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
7 5 6वाल्मिकी गौशाला समिति ग्राम चैनपुरा द्वारा नववर्ष गुड़ी पड़वा पर आयोजित विशाल गौ-कलश यात्रा नव वर्ष की पावन में बैला में नगर के परम्परागत रुप से संपन्न हुई जिसमें अंचल की 1700 महिलाओं ने अपनी सहभागिता की कलशयात्रा के प्रारंभ में वाल्मिकी गौशाला को अंचल के गोभक्तों द्वारा किए गए। गौदान के साथ गौपालक चल रहे थे जिनके पीछे आयोजन के सुत्रधार मुख्य यजमान विधायक कलसिंह भाबर सपत्निक श्रीमद भागवत पौथी को अपने सिर पर लिए नंगे पैर चल रहे थे, तो वही सुसज्जित खुली जीप पर वृदावनंदन के भागवत विद्वान विष्णुकांत महाराज एवं महंत गोपालदास महाराज विराजंमान थे। स्थानीय हनुमान मन्दिर बावड़ी से प्रारंभ हुई जो नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए इस विशाल गौ-कलश यात्रा की भव्यता देखते बन रही थी जिसमें चिलचिलाती धूप में मातृशक्ति वृत धारण किये नंगे पैर कलश लिये चल रही थी। एक ही तरह की साडीयों मे क्रमबद्ध चल रही मातृ शक्ती कलश यात्रा का प्रमुख आकर्षण रही। संभवत: यह अंचल का पहला भव्य आयोजन है जिसमें बडी संख्या में ग्रामीणों द्वारा गौदान किया जा रहा है। इस भव्य कलश या़त्रा का नगर में जगह-जगह स्वागत किया गया गौ-कलशयात्रा में आयोजन समिति के संयोजक बहादुरसिंह भाबर, सहसयोजक अशोक अरोरा, समाजसेवी नीरज भट्ट, राकेश सोनी, तोलसिंह गणावा, देवीसिंह देवदा, काना मुणिया, मुकेश मेहता, नटवर बामनिया, प्रेम बसोड़, प्रताप बारिया, मालजी वसुनिया, खुशाल सिंगाड़, भुण्डिया वसुनिया, प्रकाश डामोर, राजू गरवाल, रामचंद भाबर, बहादुरसिंह भाबर, मुकेश भूरिया, यशवंत बामनिया, वरदु भाबर, राजेश डिण्डोर, भावेश भानपुरिया, रोहित वैरागी, विपुल आचार्य, बब्बु, दिलीप कनेश, प्रांजल बैरागी, सुरज बरमंडलिया, यशदीप अरोरा, आदि भक्तगण उपस्थित थे। नई मण्डी प्रांगण पर मातृशक्ति को संबोधित करते हुए विधायक कलसिंह भाबर ने नव वर्ष को आज के समय में मनाने में सबसे बड़ा योगदान मातृशक्ति द्वारा ही किया जा सकता है, यह बताते हुए भविष्य की पीढ़ी द्वारा हिंदू संस्कृति को संरक्षित रखने का संकल्प भी दिलवाया।
श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ
विशाल शोभायात्रा के साथ ग्राम चैनपुरा के सात एकड में बंजरगसागर के तट पर आकार ले रही विशाल वाल्मिकी गौशाला स्थल पर घटस्थापना पश्चात भागवत कथा प्रारंभ हुई जिसमें कथा के प्रथम दिवस भागवत महात्म्य, शुकदेव जन्म, कपिल देवहुति संवाद पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने रसपान किया। आयोजन के द्वितीय दिवस पर महात्मा धु्रव चरित्र, जड़ भरत संवाद, अंजामिल चरित्र, वृत्तासुर चरित्र की कथा सुनाई जाएगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.