राणापुर में जैन समाज एक झंडा-एक डंडा की राह पर : व्होरा

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झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से मयंक गोयल की रिपोर्ट- त्रिस्तुतिक जैन समाज का देश में अपने आप में एक विशिष्ट योगदान है, राष्ट्रसन्त श्रीमद विजय जयंत सेन सूरीश्वरजी महाराज ने इसकी उन्नति और विकास के लिए अनेक भागीरथी कार्य किए हैं, जिसके परिणाम स्वरूप इस समाज ने देश ही नही विदेशो में भी अपनी पैठ जमाई है। उक्त बात त्रिस्तुतिक जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अहमदाबाद निवासी वाघजी भाई व्होरा ने व्यक्त किए। व्होरा ने कहा कि मैंने गुरुदेव से सुना था वैसा ही यहां देख रहां हूं, यहां का संघ एक झंडा एक डंडा की राह पर चल रहा है, जो निसन्देह अनुकरणीय है। सभा का शुभारंभ गुरुदेव के चित्र सम्मुख दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ हुआ। सभा को सुरेन्द्र लोढ़ा सुरेश तातेड व रमेश धाड़ीवाल ने राणापुर को पूज्य गुरुदेव की कर्म स्थली बताते हुए कहा कि राणापुर में वर्तमानचार्य ने स्वतन्त्र चातुर्मास कर हिंदी-अंग्रेजी का पठन कर अपना लेखन प्रारंभ किया। इसी नगर ने आचार्य श्री को प्रथम शिष्य प्रदान किया। नवकार की आराधना का शुभारंभ भी यही से किया। राणापुर की पावन माटी और संघ को प्रणाम करते है। वक्ताओं ने संघ समाज को एक सूत्र में बांधने का आव्हान भी किया। दिलीप सकलेचा, सोहन लाल सेठ, अनिल सेठ, रमेश नाहर, सज्जन कटारिया, राजेन्द्र सियाल, प्रदीप भंसाली, मुकेश नागोरी, दिनेश नाहर, जितेंद्र सालेचा आदि ने शॉल-श्रीफल तथा मोतियों को लडिय़ों से स्वागत किया। संचालन सुरेश समीर ने किया आभार मुकेश नागोरी ने माना। यतीन्द्र ज्ञानपीठ परीछा के पुरुस्कार वितरित किए। इस अवसर पर ललित सालेचा ने यतीन्द्र जयंत ज्ञान पीठ की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए लोगों को अथितियों से पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र बांटे गए।

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