चंद्रशेखर आजाद नगर| जिसको भगवान की कृपा व आशीर्वाद मिल जाये उसके जीवन में कुछ भी असंभव नहीं,उसका जीवन धन्य हो जाता हैं|नरसिंहजी की कथा “नानीबाई को मायरो” इसका जीवंत उदाहरण हैं जो बालक पैदाईशी बोल व सुन नहीं सकता था तथा लोग उन्हें गुंगा व बहरा कहते थे लेकिन भगवान की उन पर ऐसी कृपा हुई कि उनका जीवन ही बदल गया|वह बालक आगे जाकर नरसिंह मेहता के रूप में जाना जाने लगा|सच्चे संत व गुरू भगवान के प्रतिनिधि होते हैं सदैव उनका आदर करना चाहिए|प्रतीक्षा में प्रतिक्षण साधना होती हैं जैसे राम को पाने के लिये सबरी ने की व अंततः उन्हें भगवान मिल ही गये|

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