सेवानिवृत्त शिक्षक तीन साल से अपने हक के भुगतान के लिए भटक रहा

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

समीप ग्राम मोटाउमर निवासी एक आदिवासी शिक्षक जिसे अपना पूरा जीवन शिक्षा के प्रचार प्रसार हेतु समर्पित कर दिया तथा जब वह सेवानिवृत्त हुआ तो विगत तीन साल से वह नौकरी के वेतन जमा राशि तथा अन्य शासकीय भुगतान हेतु दर-दर भटकने के बाद आज तक उसे उसके हक का भुगतान विभाग द्वारा न किया जाकर शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

हमारे संवाददाता को ग्राम मोटाउमर निवासी किंतु उदयगढ़ विकासखंड के ग्राम बोरझाड़ शिक्षण संस्था से वर्ष 2020 में सेवानिवृत शिक्षक हाबूसिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने अपने सेवा काल  में पूर्ण ईमानदारी के साथ शिक्षा का प्रकाश आलौकिक  किया कितने युवाओं को शिक्षित कर उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाया  पूरी जिंदगी शिक्षा विभाग में खपा देने के बाद जब सेवा निवृत हुए तो जी.पी.एफ. पांचवें वित आयोग ऐरीयर आदि का भुगतान नहीं किया जा रहा है सेवानिवृत शिक्षक चौहान ने तीन वर्षों में जनसुनवाई सहित अनेक स्थानों पर आवेदन देकर भुगतान करवाने की मांग की मगर सब और से निराशा हाथ लगी सबसे पहले उन्होंन 08/01/2024 तथा 09 /01/2024 को जनसुनवाई तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन दिए मगर कोई हल नहीं निकल पाने के कारण सेवानिवृत्त शिक्षक परेशान है वह अपना तथा परिवार का भरण पोषण कैसे करें?

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