मंडी बोर्ड को भंग करने हेतु उपाध्यक्ष समेत भाजपा-कांग्रेस के चार-चार सदस्यों ने सौंपे त्यागपत्र

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
स्थानीय नगर परिषद की तरह कृषि उपज मंडी समीति में भी अविश्वास प्रस्ताव भले ही एक मत से गिर गया और भाजपा ने खुशी का जश्न मना लिया है परंतु भाजपा में वर्चस्व की अंदरूनी लड़ाई व गुटबाजी थमने का नाम नही ले रही है। मंडी अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव गिरवाने में भाजपा के तमाम नेताओं ने साम, दाम, दंड, भेद की हर नीति को अपनाकर सफलता हासिल कर जश्न मनाया। हालांकि यह जश्न व खुशी को उस समय झटका लगा है जब मंडी उपाध्यक्ष सहित भाजपा के 4 सदस्यों तथा कांग्रेस के 4 सदस्यों ने मंडी बोर्ड को ही भंग करवाने हेतु अपने त्याग पत्र शपथ-पत्र के साथ कलेक्टर को सौंप बोर्ड भंग करने की मांग कर डाली है।
पूर्व में मंडी अध्यक्ष की तरह थांदला नगर पालिका उपाध्यक्ष के विरूद्ध परिषद् सदस्यों ने कांग्रेस के पार्षदों के सहयोग से अविश्वास प्रस्ताव रखवाया था व पार्टी के व्हीप व आदेश को नही माना था इसी तरह इस बार कृषि उपज मंडी में अध्यक्ष के विरूद्ध भाजपा के ही सदस्यों ने कांग्रेस के सदस्यों के सहयोग से अविश्वास प्रस्ताव रखा व पार्टी के व्हीप व आदेश को नहीं माना व अध्यक्ष के विरूद्ध बगावत कर मतदान किया परंतु एक मत से प्रस्ताव गिर जाने के बाद अब आठ सदस्यों ने त्यागपत्र सौंप मंडी बोर्ड को भंग करवाने पर तूल गए हैं। क्षेत्र में भाजपा की अंदरूनी लड़ाई व गुटबाजी इतनी चरम पर पहुंच गई है कि भाजपा के नाम पर चुने गऐ जनप्रतिनिधि चाहे पार्षद हो या मंडी व जनपद के सदस्य हो सभी एक दुसरे को पटखनी देने में तथा भ्रष्ट्राचार, मनमानी करने में अग्रणी दिखाई देते है जिन पर भाजपा हाईकमान का किसी प्रकार का अंकुश नही है।
मंडी अध्यक्ष पर गंभीर आरोप
थांदला कृषि उपज मंडी बोर्ड गठित होने के कुछ समय बाद ही मंडी अध्यक्ष मन्नू डामर विवादो में आ गये थे। अपने पद की गरिमा के तथा नियमों के विपरीत जाकर व्यापारियों को डराना, धमकाना, उनके माल परिवहन के वाहनो को जब जहां चाहे रोककर चेक करना, उनके गोडाउनो को चेक करवाना जैसे मामले अखबारों मे सुर्खिया बन गये थे। ऐसी ही गतिविधियों के चलते मंडी के कर्मचारी-अधिकारी भी परेशान हो उठे थे। मंडी के सदस्य भी अध्यक्ष की मनमानी कारगुजारियों से इतने त्रस्त हो गए की एक बार नही दो-दो बार अविश्वास प्रस्ताव रखने को मजबूर हो गऐ। 12 सदस्यीय मंडी बोर्ड के आठ सदस्यों का आरोप है कि नियमानुसार मंडी बोर्ड की बैठक नही की जाती है, बैठक होती है तब सदस्यों को न तो बुलवाया जाता है और न किसी निर्णय व कार्रवाई से अवगत करवाया जाता है। अध्यक्ष द्वारा मनमाने तौर तरीको से स्वयं निर्णय लिए जा रहे हैं।
पूर्व में भी रखा अविश्वास प्रस्ताव
मंडी सदस्यों ने पूर्व में भी अविष्वास प्रस्ताव रखा था तथा कलेक्टर व मंडी बोर्ड के अधिकारियों को लिखित में अवगत करवाया था तब वरिष्ठ नेताओं ने हस्तक्षेप कर आश्वासन दिया था तब पार्टी पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेताओं के आश्वासन पर मतदान नही होने दिया व अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया परंतु अध्यक्ष की मनमानी गतिविधियों पर न तो अकुंष लगा व न ही कोई सुधार हुआ और न ही पार्टी संगठन कुछ कर पाया। फलस्वरूप दुसरी बार अविश्वास प्रस्ताव रखना पड़ा और अब त्याग पत्र देकर बोर्ड ही भंग करवाने जैसा कदम उठाना पड़ा है।
पार्टी का नहींहै अंकुश
जिले में भाजपा संगठन का अपने पदाधिकारियों से लेकर विभिन्न संस्था में निर्वाचित सदस्यों पर न तो कही स्थानीय स्तर पर और न जिला स्तर पर अंकुश है। हर संस्थाओं मे सदस्य गुटबाजी में घिरे है जिन्हे अपने-अपने आकाओं का आशीर्वाद प्राप्त है। हर कोई एक-दूसरे को नीचा दिखाने व टांग खींचकर गिराने को तैयार है और कांग्रेस का सहयोग ले रहै है। थांदला नगर पंचायत व कृषि उपज मंडी समीति इसका उदाहरण प्रस्तुत कर चुकी है। अभी भाजपा षासन के सत्ता के बचे समय में अगर ऐसी ही स्थितियां जिले की अन्य संस्थाओं में निर्मित होने से इंकार नही किया जा सकता है। भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष दौलत भावसार भी पूर्व में इसी तरह झाबुआ नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद से अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से हटाये जा चुके है तो रानापुर नगर पंचायत भी इतिहास लिख चुकी है।
बजा दिया बगावत का बिगुल
cartoon-of-the-day_650_032414101831थांदला कृषि उपज मंडी समीति के उपाध्यक्ष नरसिंह कल्ला भाबर अविश्वास प्रस्वात के गिरने के बाद अपने अन्य तीन सदस्य साथियों का त्यागपत्र सौंपने पर कहते है कि हमने स्थानीय व जिला स्तर पर पार्टी आलाकमान व नेताओं को अवगत करवा दिया था परंतु जब कोई भी नतीजा नही निकला तो बगावत का बिगुल बजाया है अब हमें पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखाऐ ंतो कोई बात नही है हम गुटबाजी की इस राजनीति से दूर रहने को तैयार है। नरसिंह भाबर ने क्षेत्रीय विधायक पर भी आरोप लगाया कि गुटबाजी के चलते हुए हमारे क्षेत्र में विकास ठप कर दिया गया है। उन्होने एक लाइन कही है।
सच कहना बगावत है तो हम बागी है
थांदला नगर परिषद के कांग्रेस सदस्य भले भाजपा से सांठगांठ कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु समर्थन दे रहै हो परंतु कृषि उपज मंडी की स्थिति विपरीत है। भाजपा के 4 सदस्यों के त्यागपत्र के साथ कांग्रेस के भी 4 सदस्यों ने अपने त्यागपत्र स्थानीय मंडी सचिव तथा कलेक्टर को इसलिए सौंप दिए की 12 सदस्यों मे से आठ सदस्यों के त्यागपत्र हो जाने से मंडी बोर्ड स्वत: नियमानुसार भंग हो जाता है और कांग्रेस यही चाहती है ताकि नवीन चुनाव हो सकें।
इन्होंने दिए त्याग-पत्र
मंडी उपाध्यक्ष नरसिंह कल्ला भाबर (भाजपा), ज्योति डामर कृषक प्रतिनिधि (भाजपा), शांतिबाई डामर कृषक प्रतिनिधि (भाजपा), नवलीबाईकृषक प्रतिनिधि (भाजपा), रमेशचन्द्र भटेवरा कृषक प्रतिनिधि (कांगेस), गौरसिंह डामर कृषक प्रतिनिधि (कांगे्रस), हकरीबाई कृषक प्रतिनिधि(कांग्रेस), इरफान शैरानी हम्माल तुलावट (कांग्रेस)।
इस संबंध में जब थान्दला कृषि उपज मंडी समिति के सचिव से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि आठ सदस्यों ने त्याग पत्र दिए हैं जिन्हें कलेक्टर महोदय व मंडी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिए हैं ।

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