विभागीय साठगाँठ की आशंका-अमानक बीज की बिक्री जोरो पर, ब्रांडेड बीजो की किल्लत का हवाला देकर अधिक दाम वसूल रहे बीज विक्रेता

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लवेश स्वर्णकार, रायपुरिया

मानसून की तैयारी किसानों ने शुरू कर दी है। किसान अपने खेतों की ओर रुख करने लगे है किसानों को मानसून का इंतजार है ऐसे में किसान अब अच्छे किस्म के बीजों को खरीदने की तैयारी कर रहे है। अच्छे बीजो को खरीदकर लाना हर किसान की प्राथमिकता है जिससे उन्हें अच्छी पैदावार मिले।

इधर मानसून की आहट के पहले बीज माफिया भी सक्रिय हो गए है छोटा हो या बड़ा व्यापारी सभी एक मोनोपॉली के तहत किसानों से व्यापार कर रहे है । बीज विक्रेता के यहां बीजो का भंडार एकत्रित हो गया है लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने आकर अभी तक निरीक्षण भी नही किया है? दुकानदार कौन सा बीज बेच रहे है उसकी कितनी गुणवत्ता है। इसकी कम किसानों को ही जानकारी होती है। दरअसल नियम यह कहता है कि बाजार में कृषि विभाग के डायरेक्टर से अनुमति वाले बीज ही बेचे जाने चाहिए। लेकिन बिना अनुमति और कंपनी की तरह दिखने वाले बिना कृषि विभाग की अनुमति वाले अमानक बीज भी ब्रांडेड बीजो की आड़ में चोरी छुपे बेचे जा रहे है । इस तरह के बीच यह व्यापारी कच्ची स्लिप पर धड़ल्ले से बेच रहे है किसानों को बीज के पक्के बिल भी नही दिए जा रहे है । हर मार्ग पर इस तरह की दुकानें देखने को मिल जाएगी अधिकांश दुकानों पर जिनके नाम पर लाइसेंस जारी किए गए वो दुकान पर नदारद ही मिलेंगे क्योकि परिवार या परिचित के नाम पर लायसेंस तो बनवा लेते है लेकिन वहां वह व्यक्ति व्यापार नही कर रहा जिसके नाम से लाइसेंस की स्वीकृति हैं। अशिक्षा व जागरूकता के अभाव में बीज दुकानदार किसानों से मनमानी करते है अशिक्षित का फायदा उठाकर यह बिना प्रमाणित बीजो की बिक्री की जाती है। अगर कोई किसी ब्रांड के बीज का नाम लेता है तो उसकी किल्लत बताकर मनमर्जी रकम वसूल की जा रही। ऐसा नही की यह सब जानकारी अफसरों को नही है जानकारी अफसरों को भी है लेकिन सब अनजान बने हुए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों की साठगाँठ की आशंका है बाजार में बीजो की दुकान सज गई है लेकिन किसानो के हित में कौन सा बीज है क्या बिक रहा है यह देखने अब तक भी टीम यहां नही पहुची है। दअरसल अज्ञानता और जागरूकता का अभाव ज्यादा होने के चलते सब मनमर्जी का काम चल रहा है। कहीं कोई शिकायत या मीडिया में छपता है तो दिखावे मात्र के लिए फ़ोटो खिंचाव निरीक्षण कर लिया जाता है कहीं कोई सेम्पल या कार्रवाही नही की जाती है। कृषि विभाग के आने की खबर भी बीज विक्रताओं को मिल जाती है उस दिन इस तरह के अप्राणित बीज नदारद कर दिए जाते है आकस्मित निरीक्षण के नाम पर खाना पूर्ति ओर फ़ोटो खिंचवाकर वरिष्ट अधिकारियों और जनता के सामने दिखावे का निरीक्षण कर लिया जाता है। जिससे किसानों को लगता है कि सब कुछ ठीक चल रहा है। ऐसे में किसानों के साथ बीज व्यापारी खूब ठगी करते है।

प्रिंट रेट से ज्यादा दाम में बिक रही धान

क्षेत्र में काफी मात्रा में दुकानों पर धान का बीज पहुंच गया है। इसकी पैकेट में अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दामों पर बेचा जा रहा है। हाइब्रिड धान की अधिक मांग होने व लाभ कमाने के चक्कर में किसान दो से तीन गुना दामों में बीज खरीद रहे हैं। विभागीय अफसर इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। अभी तक किसी भी दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।

यूरिया खाद बिक्री में भी मनमानी

यूरिया खाद को लेकर अधिक मूल्य लेने की बात छिपी नही है लेकिन यूरिया खाद के साथ किसान को सिंगल सुपर फास्फेड भी लेने को विवश किया जाता है इसे नही लेने पर यूरिया खाद भी देने पर आनाकानी की जा रही है ।

किसानों को भी चाहिए कि वो इस तरह की मनमानी के लिए आमने आए और आवाज उठाए आपके सामने आने पर पर ज्ञान होने पर कोई भी दुकानदार आपके साथ मनमानी नही कर सकेगा।

इनका कहना है

इस सम्बंध में जब कृषि विभाग के अधिकारी मेहतापसिंह मुवेल से बातचीत की तो वो स्वयं निरीक्षण करने आने के बजाय कहते है में आरईओ को बोलकर दिखवाता हूं।

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