पेटलावद नपं में फिर वही हाल, 5 माह के कार्यकाल में 2 सीएमओ की रवानगी…?

सीएमओ आशा भंडारी ने उजागर किए थे पूर्व परिषद के काले कारनामे, आखिर किन कारणों से हुआ इनका ट्रांसफर

0

चंद्रभानसिंह भदौरिया@ एडिटर इन चीफ

इन दिनों झाबुआ जिले की ए क्लास कही जाने वाली नगर परिषद पेटलावद में सबकुछ ठीक नही चल रहा है। वर्तमान परिषद के 5 महीने के कार्यकाल में 2 सीएमओ बदल चुके है। अब तीसरे सीएमओ के रूप में नगर परिषद अठाना के सीएमओ रहे पीके सिंह को नया सीएमओ बनाया गया है।
बार-बार सीएमओ बदलने से न केवल आम जनता से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे है अपितु परिषद के भीतर की व्यवस्था भी चरमराई हुई है। बीते 2 वर्षों से कोई भी सीएमओ यहां टिक नहीं पा रहे हैं या जनप्रतिनिधियों से पटरी नहीं बैठ पा रही है। इस कारण कभी सीएमओ स्वयं तो कभी शिकायत के आधार बदल दिये जाते हैं। इससे पूर्व परिषद में भी 5 साल में 8 सीएमओ का बदलना भी बड़ी चर्चा का विषय बन चुका है और पूर्व परिषद में हुए कार्य भी जगजाहिर है।

गोरतलब है कि 2 दिसंबर 2022 को नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी हुए थे, जिसमे तत्कालीन सीएमओ राजकुमार ठाकुर को पेटलावद से हटाकर आलीराजपुर भेजा गया था वहीं आशा भंडारी को बदनावर से पेटलावद भेजा गया था। उन्होंने यहां ज्वाइन भी किया और कार्यभाल संभाला, लेकिन मात्र 4 महीने में ही पेटलावद से उनकी रवानगी होना कहीं न कहीं बड़े सवाल खड़े करती है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या परिषद इन अधिकारियों से कुछ ऐसे कार्य तो नही कराना चाहती है, जो जनता से जरूर जुड़े हों, लेकिन उसमें अपना हित साधा जा सके।
आखिर क्यों हुई सीएमओ की रवानगी:
यहां पदस्थ होने के बाद सीएमओ आशा भंडारी ने पूर्व परिषद के काले कारनामें उजागर किए थे और भोपाल से इस मामले में जांच में चल रही थी, लेकिन इसी बीच अब उनका यहां से ट्रांसफर होना यह साबित करता है कि ईमानदार और निडर अफसर की पेटलावद में नेता एक नही चलने देते। सीएमओ भंडारी ने भी पूर्व परिषद अध्यक्ष और पार्षदों की नाक में दम कर रखा था। बताया जा रहा है कि इन्ही कारणों के चलते उनकी यहां से रवानगी हो गई।
पार्षदों की आपसी फुट नगर विकास में बन रही बाधा:
हालांकि सभी इसे प्रशासनिक व्यवस्था का नाम दे रहे है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों से जो बाते निकलकर सामने आ रही है उससे तो यही लगता है कि नगर परिषद में सबकुछ ठीक नही चल रहा है। नगर परिषद में पार्षदों में आपसी फुट पड़ी हुई है। यह हम नही नगर परिषद के सूत्र बता अरे है। कोई पार्षद पूर्व में रहे पार्षदों के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे है तो कोई अपना उल्लू सीधा करने के लिए पीछे से रणनीति बनाकर दूसरे पार्षदों के खिलाफ काम कर रहे है। इसमें नुकसान पेटलावद नगर का हो रहा है। पार्षदों की आपसी लड़ाई में पेटलावद का विकास अभी तक शून्य ही है। अभी तक नगर परिषद एक भी ऐसा प्रोजेक्ट या प्रस्ताव नही ला सकी है, जो नगर के हित में हो। अब देखना यह होगा कि नए सीएमओ के रूप में आ रहे पीके सिंह किस तरह यहां कार्य करते है। क्या वे भी पूर्व में पदस्थ रहे सीएमओ जैसे मोन रहेंगे या फिर वर्तमान सीएमओ आशा भंडारी जैसे निडर और निष्पक्ष रहकर यहां कार्यभार संभालेंगे।

नई चुनौतियां होगी सामने:
नए सीएमओ श्री सिंह के सामने नगर को लेकर कई नई चुनौतियां सामने होगी। नगर की सफाई से लेकर पेयजल व्यवस्था और नगर परिषद के आंतरिक मसले भी पीके सिंह के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।
सीएमओ पीके सिंह भी रहे है विवादों में:
जो सीएमओ पीके सिंह साहब का तबादला पेटलावद में हुआ है। हमारी जानकारी के मुताबिक उनका भी विवादों से गहरा नाता रहा है। बताया जाता है कि वर्ष 2021 में अशोनगर सीएमओ रहते हुए उनके दो वीडियो वायरल हुए थे, जिसके बाद तत्कालीन ग्वालियर कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। हालांकि वीडियो कई साल पहले के थे। इन दोनो विडियो की पुष्टि झाबुआ Live नही करता है।
वहीं वर्तमान में भी नगर परिषद अठाना में भी सीएमओ रहते हुए यह विवादों में रहे। कभी नागरिकों के कार्य नही करने को लेकर तो कभी अपनी मनमानी को लेकर यह लगातार विवादो में रहे। अब शासन ने उन्ही सीएमओ को पेटलावद भेजा है। अब देखना यह है कि यहां यह सीएमओ क्या खास कमाल करते है या फिर वही विवादों में घिरेंगे।
क्या हो रहा है, कुछ समझ नहीं आ रहा:
पूर्व एल्डरमैन रह चुके जितेंद्र मेहता का कहना है कि परिषद में इन दिनों क्या हो रहा है, यह कुछ समझ में नहीं आ रहा है। ऐसे सीएमओ बदलते रहे तो नगर विकास कैसे हो पाएगा।
पूर्व भाजपा जिला महामंत्री ने भी उठाए सवाल:
सीएमओ आशा भंडारी के ट्रांसफर को लेकर अब सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ी हुई है। पूर्व भाजपा जिला महा चंदन एस भंडारी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से सवाल उठाए है। उन्होंने अपनी पोस्ट पर लिखा कि न.प. में महिलाओं को सशक्तिकरण प्रदान करने में सशक्त भूमिका निभाने वाली सशक्त महिला जो पेटलावद नगर पालिका महिला को आत्म निर्भर स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास शायद भ्रष्ट लोगों को रास नहीं आई।
तबादले शासन की प्रक्रिया है:
नगर परिषद सीएमओ आशा भंडारी का कहना है कि तबादला शासन की प्रक्रिया है और उनका तबादला होना उसी का एक हिस्सा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.