संक्षिप्त कार्यकाल के बाद आखिरकार झाबुआ से विदा हुई रजनीसिंह

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चंद्रभान सिंह भदौरिया @ एडिटर इन चीफ़ 

सितंबर 2022 को झाबुआ की कलेक्टर बनाई गयी रजनीसिंह अप्रेल 2023 के पहले हफ्ते में ही यानी 7 महीने में ही झाबुआ से विदा हो गयी.. इस विदाई की वजह क्या है यह आपके जेहन में होगा लेकिन आपको बताते चलें कि मामला राजनीतिक है .. चुनावी साल है और 6 महीने बाद बीजेपी को चुनाव में जाना है हर कोई जानता है कि बीजेपी जिलाध्यक्ष भानु भुरिया लगातार झाबुआ जिला प्रशासन से नाराज चल रहे थे .. कलेक्टर उनकी सुन नहीं रही है और कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं इस बात की लगातार शिकायते बीजेपी जिला संगठन की ओर से मुख्यमंत्री ओर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को की जा रही थी .. अतंत: विगत पखवाड़े भानू भुरिया ने जब यह पोस्ट की कि जिला प्रशासन पुरी ताकत और जोश के साथ सरकार को डुबाने में लगा है तब जाकर पार्टी के नेतृत्व को लगा कि पानी अब सिर से ऊपर जा रहा है और जैसा कि अक्सर होता है राजनीतिक नेतृत्व की ही लोकतंत्र में चलती है इसलिए भानु भुरिया की चली ओर रजनी सिंह विदा हो गयी..अब देखना है कि नयी कलेक्टर तन्वी हुड्डा किस तरह से अपना तालमेल बैठा पाती है

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