पर्ड्यू यूनिवर्सिटी अमेरिका से आये धरमवीर, घर-घर दिया हलमा का निमंत्रण

हलमा को समझने देश-विदेश से विद्यार्थी कर रहे हलमा इंटर्नशिप

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एक दूसरे का सहयोग कर मिलकर काम करने की श्रेष्ठ भीली परंपरा हलमा अब विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रही है। शिवगंगा की जन भागीदारी से अक्षय ग्राम विकास की आदर्श प्रक्रिया और हलमा पर्यावरण संवर्धन के एक जन-आंदोलन के रूप में देश भर के शोधार्थियों का विषय बनता जा रहा है।

इस वर्ष शिवगंगा द्वारा 25-26 फरवरी को हाथीपावा डूँगर पर होने वाले विशाल हलमा को समझने के लिए देश विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्यार्थी इंटर्नशिप कर रहे हैं। पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे नीमच के रहने वाले अभिषेक सोमानी दिसंबर में भारत लौटकर आलीराजपुर पहुँचे और 7 दिन के लिए आलीराजपुर के गाँव में धरमवीर बन घर-घर हलमा का निमंत्रण दिया। वे अपनी अनुभूति साझा करते हुए बताते हैं, “मैं कल्पना नहीं कर पाता कि कैसे बुनियादी जरूरतों से वंचित लोग अभी भी धरती माता की सेवा परमार्थ भाव से कर रहे हैं। यह एक सामूहिक चेतना से आता है। झाबुआ ने मुझे सिखाया कैसे अपनी महान परंपराओं से पूरा समाज ही आध्यात्मिक हो सकता है। हमारी जड़े कहाँ हैं यह जानने के लिए हमें हलमा परंपरा को समझना चाहिए।
अभिषेक ने वर्ष 2020 में आई.आई.टी रुड़की से बी.टेक करने के तुरंत बाद झाबुआ में 6 महीने रहकर पीएचडी के लिए अमेरिका गए। उन्होंने कहा वापस आकर करूँगा झाबुआ के युवाओं के साथ काम।

छत्तीसगढ़ के रहने वाले पूनम साय, हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। वे अपनी अनुभूति साझा करते हुए बताते हैं, “मैं छत्तीसगढ़ की जनजाति से हूँ, और मैंने हमेशा ही हम लोगों के बारे में गलत सुना की ये लोग अपना विकास ही नहीं चाहते लेकिन हलमा परंपरा का यह स्वरूप देखने के बाद मैंने अपने समाज और उसके गौरवशाली इतिहास को समझा, और यह अनुभूत किया कि जनजाति समाज विकास की यात्रा में लाभार्थी बनकर नहीं बल्कि परमार्थ भाव से इसमें सहभागी बनना चाहता है। आज जल संकट एक वैश्विक समस्या है, जनजाति समाज के विकास में सहभागिता का प्रत्यक्ष उदाहरण हलमा एक जल आंदोलन के रूप में दिखता है।

आई.आई.टी रुड़की में पढ़ रहे नागौर के सिद्धार्थ, इंडस यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे बनारास के शिखा राय, पाली राजस्थान के साहेब राजा, महाराष्ट्र में पत्रकारिता के पढ़ाई कर रहे निखिल, सुयोग और गणेश, इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की पूनम सोनी, दिल्ली विश्वविद्यालय की नंदिनी, जबलपुर की श्वेता, इंदौर के मोहित समेत अनेक विद्यार्थी हलमा इंटर्नशिप में शामिल हो रहे हैं।

हलमा में विद्यार्थियों और अतिथियों के प्रभारी ऋषभ सेठ, मूलतः चंडीगढ़ पंजाब के रहने वाले हैं और 2019 में आई.आई.टी रुड़की से ग्रेजुएट होने के बाद से झाबुआ में रहकर कार्य कर रहे हैं। वे बताते हैं कि हलमा को लेकर 14 ऑनलाइन सेमिनार हो चुके हैं जिसमें 120 विश्वविद्यालयों और कॉलेज से 400 विद्यार्थी एवं प्रोफेसर शामिल रहे। इस वर्ष बड़ी सँख्या में विद्यार्थी हलमा में शामिल होंगे।

शिवगंगा के प्रवक्ता विजेंद्र अमलियार ने बताया कि, ”
हलमा के अतिरिक्त भी वर्षभर में सैंकड़ो विद्यार्थी शिवगंगा के इमेज और रियलिटी कार्यक्रम में भीलों के सामाजिक जीवन और शिवगंगा के कार्यों को समझने आते हैं।