साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा की गई प्रादेशिक पुरस्कारों की घोषणा, जिले के इस साहित्यकार को मिला प्रादेशिक पुरस्कार

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नवनीत त्रिवेदी @झाबुआ Desk

साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा अखिल भारतीय 13 एवं प्रादेशिक 15 कृति पुरस्कार कैलेंडर वर्ष 2020 के पुरस्कारों की घोषणा कल की गई, जिसमें झाबुआ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.जय वैरागी की कृति *दंडकारण्य* को प्रादेशिक पुरस्कार प्राप्त हुआ है ।

यह उपन्यास दंडकारण्य -पौराणिक स्त्री पात्रों की संघर्ष गाथा है जो देव दानव संघर्ष ,लंका के पुनरोत्थान, पतन, कुबेर की विजयी से पराजय एवम जिसमें रावण की माता कैकसीे, बहन शूर्पणखा जिसका वास्तविक नाम मीनाक्षी है, अवध की महारानी महानायिका कैकेयी की उपनिवेश दंडकारण्य के लिए सामरिक दूरदर्शिता, दण्डकारण्य में असुरों द्वारा प्रताड़ित वनवासियीं की मुक्ति हेतु महानायक श्री राम के वन गमन का यथार्थ, राजकुमारी मीनाक्षी का वैधव्य ,उसका लंका से प्रतिशोध इत्यादि पर केंद्रित 275 पृष्ठों की कृति है जिसका प्रकाशन साहित्य भूमि दिल्ली द्वारा किया गया था ।

श्री बैरागी की अभी तक कुल 8 पुस्तकें प्रकाशित हुई है,जिसमें प्रबंध काव्य, लघु काव्य, खंड काव्य, मुक्त काव्य,विरह काव्य इत्यादि सम्मिलित है। प्रदेशभर के वक्ताओं बहुचर्चित उपन्यास दंडकारण्य श्री जय जी की आठवीं कृति है इसके पूर्व 2021 में सीता की अग्नि परीक्षा से उठा एकालाप समाधि काव्य अग्नि-साहचर्य अभी भी पठन योग्य है ।

जिले के लिए यह गौरव की बात है कि मध्यप्रदेश शासन संस्कृति मंत्रालय की ओर से जिले के किसी साहित्यकार को पहली बार इतना महत्वपूर्ण सम्मान मिला है। श्री बैरागी शासकीय सेवा में कार्यरत हैं एवं साहित्य एवं संस्कृति परिषद वनांचल के सचिव पद के द्वारा हिंदी को लगातार बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।

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