सामाजिक समरसता हिंदुत्व का प्राण है विषय पर भव्य संगोष्ठी कार्यक्रम वाराणसी में संपन्न

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अशोक बलसोरा,  झाबुआ

विश्व हिंदू महासभा उत्तर प्रदेश के बैनर तले वाराणसी में सामाजिक समरसता हिंदुत्व का प्राण है विषय पर संगोष्ठी कार्यक्रम संपन्न हुआ। 15 सितंबर 2022 को दोपहर 2:00 बजे से भव्य संगोष्ठी कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओमप्रकाश सिंह काशी संभाग प्रभारी उत्तर प्रदेश म मुख्य वक्ता डॉ रविंद्र मिश्रा राष्ट्रीय मानवाधिकार महिला बाल विकास आयोग के महासचिव एवं राष्ट्रीय प्रेस आयोग के अध्यक्ष  विशेष अतिथि के रूप में राकेश सिंह जिला अध्यक्ष गाजीपुर दिनेश चंद्र पंड्या वाराणसी मंडल प्रभारी थे। इनकी उपस्थिति में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। जिसमें सभी वक्ताओं ने हिंदुत्व के प्राण पर सामाजिक समरसता के विषय पर अपने-अपने उद्घोष एवं विचार रखें। इसी क्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार एव महिला बाल विकास आयोग के राष्ट्रीय महासचिव एवं भारतीय प्रेस आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रविंद्र मिश्रा ने अपने उद्बोधन में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे बड़ा है रोग की लोग क्या कहेंगे। इस व्यक्तव्य से अपना उद्बोधन प्रारंभ किया और आज हिंदू खंड खंड में बिखरा हुआ है। आज हिंदू को एकजुट होने की आवश्यकता है राष्ट्र संत महंत अवेद्यनाथ  जी की पुण्य स्मृति के अवसर पर उनके द्वारा किए गए कार्यों की उपस्थित जनमानस के समक्ष बताया और उनके पद चिन्हों पर चलने का आह्वान भी किया साथी डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि रामलला के सबसे प्रिय भक्त है हनुमान और उन्होंने कांड किया था। कांड इसलिए कह रहा हूं कि उन्होंने बतला दिया था रावण को कांड करके उनमें क्या ताकत थी  साथ ही उन्होंने कहा कि हम ब्राह्मण हैं तो पहले हमें शास्त्र का ज्ञान के लिए जाना जाता था  लेकिन अब योग है इसलिए अब हमें शास्त्र का भी ज्ञान होना चाहिए और शस्त्र का भी तभी हम इस युग में रामराज्य की परिकल्पना कर सकते हैं और मैं तो इस मंच के माध्यम से आह्वान करना चाहता हूं कि अब हर हिंदू को एकजुट होकर हिंदुत्व के लिए एक बैनर तले आ जाना चाहि।  वह भूल जाए कि मैं तिवारी हूं मैं मिश्रा हूं मैं फलाना हूं हम सब हिंदू हैं और हिंदुत्व की आन बान शान के लिए हमें आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही  डॉ मिश्रा ने युवा पीढ़ी पर ही कटाक्ष करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी केवल मोबाइल के टच में है और पाश्चात्य संस्कृति  के चंगुल में फंसी चली जा रही है।

आज अधिकतर युवा युवतियों में मोबाइल की स्किन पर किसी देवी देवता के फोटो नहीं मिलेंगे क्यों क्योंकि हम धर्म और आस्था से दूर होते चले जा रहे हैं और केवल पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं जिसके कारण आज हमारा धर्म हमारा समाज हमारी सनातन संस्कृति विलुप्त होती जा रही है यदि हमारा युवा अभी भी नहीं जागा तो हमें विलुप्त होने से बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता आवश्यकता है। एकजुट होकर सनातन संस्कृति की रक्षा करने की समय आ गया है हमारे भारतवर्ष को हिंदू राष्ट्र बनाने का   यहां पर अपनी वाणी को विराम दिया  और आह्वान किया यह भारतवर्ष संत महंत ऋषि मुनियों की भूमि है और सनातन संस्कृति के लिए हमें देश के लिए समाज के लिए अंतिम व्यक्ति के लिए लड़ाई लड़ना चाहिए और इस मानव जीवन को कृतार्थ करना चाहिए।

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