अनियमिततओं और उदासीनता के चलते कलेक्टर ने की इस ग्राम रोजगार सहायक की सेवा समाप्त

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सलमान शैख@ झाबुआ Live

जनपद पंचायत पेटलावद की कई पंचायतों में आए दिन भ्रष्टाचार और अनियमितताओं व उदासीनता के मामलें सामने आते रहे है। ऐसे ही एक मामले में ग्राम रोजगार सहायक पर गाज गिरी है। उसके विरूद्ध कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए है।

आदेश में बताया गया कि महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी स्कीम मप्र के अंतर्गत संविदा पर ग्राम पंचायत सारंगी में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ रविन्द्र सोलंकी को शासकीय राशि का दुरूपयोग कर भारी अनियमितताएं की गई है। इस कृत्य पर उसकी सेवा समाप्त की जाती है।

इन मामलों में बरती गई लापरवाही-

रोजगार सहायक द्वारा ग्राम पंचायत सारंगी में चेकडेम निर्माण कुल 79 हजार 150 रूपए के फर्जी तरीके से मूल्यांकन दर्शाकर, मस्टर रोल जारी कर, राशि आहरित कराने, ग्राम पंचायत, सारंगी मे निर्धारित वार्षिक लेबर के लक्ष्य के अनुरूप पूर्ति नहीं करने, लक्ष्य अनुसार श्रमिक नियोजित नही करने, योजना के अंतर्गत जॉबकार्डधारियों का आधार सिडिंग कार्य पूर्ण नही किए गए। इसके साथ ही योजना के अंतर्गत एम-3 के लम्बित कार्यों को निर्धारित समयसीमा की समाप्ति उपरांत पूर्ण नही कराने, ग्राम पंचायत स्तर पर योजना के अंतर्गत आवश्यक अभिलेख पंजियाँ संधारित नहीं की गई। वहीं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत भी 39 स्वीकृत कार्यों में से मात्र 4 कार्य पूर्ण करवाए गए और शेष 35 कार्य को पूर्ण नही करा पाए। यहां तक कि जनपदस्तर एवं क्लस्टर स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठकों में बिना किसी सूचना के रोजगार सहायक रविंद सोलंकी अनुपस्थित रहता था और पदीय दायित्वों का निर्वहन मे लापरवाही एवं उदासीनता बरतता था।

कारण बताओ नोटिस के जवाब के बाद हुई कार्रवाई-

प्रशासनिक रूप से रविंद्र को 5 मार्च को कारण बताओ नेटिस भी जारी किया गया और तीन दिन में अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद रविंद्र ने अपना जवाब 15 मार्च को पेश किया। वह जवाब अधिकारियों को न तो समाधानकारक लगा और न ही संतोषजनक लगा। इसके बाद उसके प्रतिउत्तर का परीक्षण किया गया। जिसमें दो चेकडेम का मौके पर कार्य ही नही होना पाया गया और कटरचित फर्जी तरीके से मस्टर रोल तैयार कर 79 हजार 150 रूपए की राशि आहरित कर ली गई। यह कृत्य वित्तीय अनियमितता की परिधि मे आता है। वहीं रोजगार सहायक द्वारा लेबर बजट के अनुरूप लक्ष्य की पूर्ति नही की गई। वहीं ऐसी कई लापरवाही और उदासीनता रोजगार सहाकय द्वारा बरती जा रही थी। रोजगार सहायक रविंद्र सोलंकी बिना किसी सूचना अथवा सक्षम प्राधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बगैर अपने कर्तव्य से अनुपस्थित रहने वरिष्ठ कार्यालयों के निर्देशों की अवहेलना करना तथा पदीय दायित्वों का भली-भांति निर्वहन नही करना आखिर में भारी पड़ा और मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गांरटी परिषद, भोपाल के परिपत्र के तहत तथा मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गांरटी, परिषद भोपाल के पत्र के प्रावधान के अनुसार रोजगार सहायक रविंद्र सोलंकी की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई।

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