तरक्की की पहली सीढ़ी शिक्षा : न्यायाधीश

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट
तरक्की की पढ़ली सीढ़ी शिक्षा को ही माना जाता है। शिक्षित क्षेत्रों में तरक्की होती है। अविकसित क्षेत्रों को देखा जाए तो उनकी वैसी दशा का मूल कारण शिक्षा का अभाव है और जिन क्षेत्रों ने शिक्षा के महत्व को अंगीकार किया है, वहीं तरक्की भी हुई है और जीवन स्तर भी सुधरा है। उक्त बात तहसील विधिक सेवा समिति, थांदला के अध्यक्ष एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 हरिओम अतलसिया द्वारा विधिक साक्षरता शिविर एवं ग्राम न्यायालय कैम्प में सोमवार को ग्राम परवलिया में शासकीय स्कूल में उपस्थित बच्चों व जनसमुदाय को संबोधित करते हुए दी गई। श्री अतलसिया ने विधिक जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को बिना लायसेंस वाहन नहीं चलाना चाहिए, क्योंकि उस स्थिति में दुर्घटना होने पर बीमा कंपनी भी अपनी जिम्मेदारी से बच जाती है तथा क्लेम की संपूर्ण राशि बच्चे के माता-पिता को वह करना पड़ती है तथा बच्चों को ओवर लोडेड वाहनों में भी यात्रा नहीं करना चाहिए, बल्कि ऐसे वाहनों की उपेक्षा करके अगले वाहन की प्रतीक्षा करनी चाहिए और बच्चों को टीवी देखकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए, न कि नकारात्मक शिक्षा ग्रहण करके अपराधों को बढ़ाना चाहिए। उपस्थित अधिवक्ता वीरेंद्र बॉबेल ने बच्चों से नेक राह पर चलने की अपील करते हुए बताया कि बच्चों से केवल पढ़ाई की अपेक्षा ही रहती है, तो उन्हें पढ़ाई पर पूरा ध्यान देकर अच्छे मार्क हासिल करने चाहिए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चे, ग्रामीणजन एवं स्कूली स्टाफ एवं न्यायालय स्टाफ महेश नायक मौजूद थे। स्वागत भाषण प्राचार्य श्रीवास्तव द्वारा दिया गया।
 

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