नानपुर स्वास्थ्य केन्द्र हुआ डॉक्टर विहीन, मरीजों की हो रही जमकर फजीहत

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जितेन्द्र वाणी, नानपुर
नानपुर स्वास्थ्य केन्द्र में व्यवस्थाओं के चलते लगभग 52 गांव के लोग परेशानी के आलम में है। वर्तमान समय में बीमारियों का दौर चल रहा है जिसमें डेंगू व मलेरिया के साथ साथ सर्दी खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं, वहीं क्षेत्र में दुर्घटनाएं होती है तो आकस्मिक मौत के चलते लाश का पोस्टमार्टम नानपुर में नहीं हो पाता है। जिससे संबंधित के परिजनों व पुलिस को लाश पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय अलीराजपुर ले जानी पड़ती है। आज सालखेड़ा से आए 10 वर्षीय बालिका को सर्प काटने से मृत्यु हो गई थी जिससे परिजन वह पुलिस भी परेशान होती दिखाई दी। जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने केवल खानापूर्ति करने के लिए 1 दिन के लिए नानपुर स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति कर दी थी लेकिन केवल प्रेस नोट के माध्यम से जिले में बैठे अधिकारियों को दिखावे के लिए मेडिकल ऑफिसर को पहुंचा कर खानापूर्ति कर दी लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केवल दिखावे के लिए नानपुर स्वास्थ्य केंद्र है जहां कई महीनों से ग्रामीणों का इलाज नहीं मिल रहा है। केवल एन एम के भरोसे चल रहा है नागपुर का स्वास्थ्य केंद्र, जबकि जिले में उपचुनाव होने से प्रदेश स्तरीय मंत्री व विधायक स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में बड़े-बड़े दावे तो करते हैं लेकिन नानपुर स्वास्थ्य केन्द्र की बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाएं इन दावों की हवा जमीनी स्तर पर निकाल देती है।
जिम्मेदार बोल-
नानपुर स्वस्थकेन्द्र पर एक से दो दिनों में शिखा मेडम जोबट से आने वाली है व अन्य ओर डॉक्टरों की पोस्टिंग होने वाली है जो बड़वानी से आने वाले है दशहरे के बाद नानपुर में स्वास्थ्य सेवाओं बहाल हो जाएगी। -डॉ. प्रकाश धोके, सीएमएचओ

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