12 दिन चलने वाले भुंजरिया पर्व की हुई शुरूआत, गवली समाज में शुरू हुए धार्मिक आयोजन

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रितेश गुप्ता,थांदला
इस वर्ष कोविड.19 के नियमों का पालन करते हुए भुंजरिया पर्व की शुरुआत भूजरिया पूर्व की शुरुवात सावन मास की शुक्ल पक्ष की नागपंचमी के दिन से होता भुजरिया पर्व की शुरुआत की जाती है इस दिन गवली समाज की बालिकायें और महिलाएं खेतों से टोकरी में मिट्टी ला कर अपने अपने घरों में भुजंरिया बोती है और घर पर झूला बांधकर उन भुंजरिया को झूले में झूल आती हैं। 12 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में भुंजरीयाओं का विसर्जन राखी के दूसरे दिन भादव माह की एकम पर गवली समाज के लोगों द्वारा अपने.अपने घर पर खीर-पूड़ी मिठाई का भोग लगाकर पूजा अर्चना की जाती है बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विसर्जन किया जाता है और साथ में यह कामना की जाती है कि इस वर्ष अच्छी फसल हो पानी भरपूर मात्रा में फसलों को मिले। फसलों की पैदावार अच्छी हो सभी लोग सुखी रहे, व्यापार बहुत अच्छा हो सभी सुखी रहे निरोगी रहें इस विश्व की महामारी कोविड.19 से सभी लोग मुक्त रहें। जानकारी गवली समाज थांदला के सदस्य दिनेश मोरिया द्वारा बताया गया कि परंपरा अनुसार गवली समाज द्वारा पद्मावती नदी घोड़ा कुंड घाट पर सुंदरियां का विसर्जन किया जाता है उसके बाद सभी लोग अपने आराध्य देव के मंदिर भगवान सांवलिया सेठ के चरणों में भुजरिया को अर्पण कर आपस गले मिलते हैं और बच्चे वरिष्ठ जनों का पैर छूकर आशीर्वाद लेते है। वर्ष भर में कुछ की गई कहासुनी के लिए एक दूसरे से क्षमा मांगते है सभी को साथ में लेकर साथ चलने के साथ समाज को साथ में आगे बढ़ाने का संकल्प भी लेते हैं।

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