बेतरतीब वाहनों व जहां-तहां दुकाने लगाने से शहर में यातायात व्यवस्था हुई ध्वस्त

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हरीश राठौड़, पेटलावद
नगर की यातायात व्यवस्था फिसड्डी साबित हो रही है। वहीं मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण का जाल फैलता जा रहा है किंतु जिम्मेदार किसी प्रकार की कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। नगर के मुख्य मार्गों पर बेतरतीब खड़े वाहनों को हटाने वाला कोई नहीं है जहां जिसकी मर्जी हुई दुकान लगा ली कोई कहने वाला नहीं। इन सब परिस्थितियों के चलते बामनिया रोड से रायपुरिया रोड तक दिन में कई बार यातायात व्यवस्था बाधित होती है, जिसका सामना तो कई बार जिम्मेदार भी करते है किंतु कार्रवाई के नाम पर शून्य। इसी प्रकार सब्जी की दुकाने भी मुख्य मार्ग पर लगना आम बात हो गई है जिस पर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया।
जगह किंतु इच्छा शक्ति नहीं है-
सब्जी मंडी को सुव्यवस्थित स्थान देने के लिए नगर परिषद के पास पर्याप्त जगह है किंतु इच्छा शक्ति का अभाव है। प्रथम स्थान के रूप में सब्जी मंडी के नाम पर बनाई हुई दुकाने जहां सब्जी मंडी न लगते हुए अन्य व्यवसाय संचालित हो रहे हैं। केवल प्रशासन की कुंभकर्णी नींद के चलते,आखिर उनके सामने ही उनकी दुकानों में ही अन्य व्यवसाय संचालित होना कहां तक संभव है। वहीं दूसरे स्थान के रूप में केसरिया कुंड के पीछे की शासकीय भूमि नगर परिषद को सब्जी मंडी के लिए आवंटित की गई किंतु इसके लिए भी कोई कार्रवाई नहीं केवल दिखावे के लिए एक दिन जेसीबी चला दी और अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गइ। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि हम पहले तैयारी करेंगे फिर सब्जी मंडी को यहां लगाएंगे, किंतु इस बात को भी करते हुए 1 वर्ष से अधिक का समय बीत गया किंतु कुछ नहीं किया गया।
यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे
अतिक्रमण की चपेट के साथ साथ यातायात व्यवस्था भी भगवान भरोसे चल रही है। क्योंकि जिसकी जहां मर्जी होती है वाहन पार्किंग कर देता है तहसील मुख्यालय के सामने ही सैकड़ो बाईक पूरे दिन मुख्य रोड पर खडी रहती है। कई ट्रक, ट्रैक्टर, जीप और बसे भी मुख्य मार्ग पर ही खड़ी रहती है किंतु कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। बैंकों के सामने खड़े रहने वाले वाहन भी रोड तक आ जाते है किंतु वहां भी कोई कहने वाला न सुनने वाला होता है जिसके चलते स्थितियां बद से बदतर होती जा रही है।
रात्रि में मुख्य मार्गों पर बसे खड़ी रहती है.
वहीं रात्रि में बामनिया रोड से लेकर रायपुरिया रोड मुख्य मार्ग पर दर्जनों बसे मुख्य मार्ग पर ही खड़ी रहती है जो कि किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है किंतु इस स्थिति से निपटने के लिए भी प्रशासन के पास समय नहीं है जब कोई हादसा होगा तभी प्रशासन जागेगा। मुख्य मार्गों पर रात्रि में खड़ी रहने वाली बसों के कारण पैदल घूमने वाले व छोटे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि वाहन खड़े होने से अन्य वाहन के आने पर असमंजस की स्थिति बन जाती है जिसके लिए भी कार्रवाई हेतु कई बार सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लिखित में आवेदन दिया गया किंतु कोई सुनने वाला नहीं है।
बस स्टैंड का अभाव-
नगर में स्थाई बस स्टैंड का अभाव होना भी समस्या को विकराल करता है क्योंकि बस स्टैंड के अभाव में बसेे मुख्य मार्ग पर ही खड़ी रहती है और वहीं पर यात्रियों को उतारने और बिठाने का कार्य किया जाता है जिसके चलते कई घंटे मुख्य मार्ग पर बसें खड़ी रहने से आवागमन प्रभावित होता है। नगर में बस स्टैंड निर्माण के लिए स्थान चयन को लेकर संशय बना हुआ है। नागरिकों की मांग है कि नगर में बस स्टैंड का निर्माण शीघ्र किया जाए।
समस्या का हल है किंतु प्रयास नहीं.
समस्याएं कोई बड़ी नहीं है केवल व्यवस्था बनाने की जरूरत है किंतु प्रशासन में बैठे अधिकारियों की इच्छाशक्ति की कमी के चलते प्रयास भी नहीं किए जा रहे है, केवल अधिकारी जनमानस को दोष देने के सिवा कुछ नहीं करते है उनका कहना है कि जनता को स्वयं व्यवस्था बनाना चाहिए। आखिर जनता स्वयं व्यवस्था बनाती तो अधिकारी या कानून की जरूरत क्यों होती ?
इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को आगे आ कर सख्त कार्रवाई करना होगी तभी व्यवस्थाओं में सुधार होगा अन्यथा किसी दुर्घटना के बाद ही प्रशासन जागेगा। कुछ दिनों पूर्व पुराना बस स्टैंड पर ही एक युवक की दुर्घटना में मृत्यु के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने 8 दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया था किंतु आज तक कोई पहल नहीं की गई केवल एक या दो दिन रस्म अदायगी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि हमारे द्वारा समय समय पर प्रयास किए जाते है. एक बार पुन: योजना बनाकर यातायात और अतिक्रमण की समस्या से मुक्ति दिलाई जाएगी।

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