युवक की हत्या की आशंका में परिजनों ने रिश्तेदार के घर के बाहर शव रखकर किया प्रदर्शन

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भूपेंद्र नायक, पिटोल

पिटोल के समीप के गांव कालिया छोटा एवं गांव घाटिया के मामा बुआ के आपस के भाई मजदूरी के लिए गुजरात के मोरबी के पास हलवद में ट्रैक्टर चलाने के लिए गए थे। इस दौरान दुर्घटना मे खुमान डोडियार की मौत हो गई। हत्या की आशंका के चलते परिजनों ने उसका शव रिश्तेदार के घर के दरवाजे पर रखकर प्रदर्शन किया। 

5 जनवरी 2024 को तीन लोग ट्रैक्टर में सवार होकर गुजरात के ठेकेदार के यहां काम  कर रहे थे। इस दौरान इसी दिन ट्रैक्टर चलाते हुए खुमान पिता राजू डोडियार निवासी गांव घटिया उम्र 35 वर्ष की मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है खुमान बैठा हुआ था और शंभू ट्रैक्टर चला रहा था। मृत्यु पर परिवारजनों को शंका है कि यह हादसा नहीं हत्या है। परिजन का आरोप है ट्रैक्टर चलाने के लिए शंभू पिता मगन कटरा निवासी कालिया छोटा उसे ले गया था और उसे मार दिया । उधर पिटोल पुलिस के कथन अनुसार गुजरात के हलवद पुलिस  स्टेशन पर जो मर्ग कायम हुआ है उसमें लिखा गया है कि ट्रैक्टर का एक टायर फूट जाने से दुर्घटना हुई और खुमान की मृत्यु हो गई। पुलिस के अनुसार ठेकेदार द्वारा वहां के डॉक्टर से इलाज किया करवाया गया करवाया गया था और उसकी मृत्यु के बाद राजकोट के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

अलग-अलग बयान होने पर परिवारजनों को हुई शंका

खुमान की मौत के बाद शंभू ने उनके परिवारजनों को सूचना देने के लिए फोन लगाया। शंभु पहले कहने लगा खुमान रात को सोया है पर  सुबह उठ नहीं रहा है। कभी उसने बीपी कम होने की बात कही तो कभी कहा कि उसने दवाई पी ली। कभी कहा कि ट्रैक्टर से एक्सीडेंट होने से गिर गया। इन विरोधाभास बातों के बीच में खुमान के परिवारजनों को आशंका है कि खुमान की हत्या कर दी गई। जबकि परिवारजन शंभू की सूचना पर खुमान का शव लेने पहुंचे तब शंभू उनके साथ में नहीं आते हुए वहां पुलिस की गाड़ी में बैठ गया। जब पोस्टमार्टम कर राजकोट से शव पिटोल लाया गया तब भी शंभू साथ में नहीं आया। उनके साथ और भी  दो लोग थे वह भी साथ में नहीं आए। इसलिए कहीं ना कहीं पुलिस के लिए जांच का विषय है। परंतु जो भी घटना घटी है वह  गुजरात मोरबी हलवद  में हुई है उसकी जांच की प्रक्रिया गुजरात पुलिस द्वारा की जा रही है।

शंभू के घर के बहार रख दिया शव, 24 घंटे रखा रहा

इस घटना के बाद परिवारजन जब राजकोट से खुमान का शव लेकर आए तब उसका शव शंभू के दरवाजे पर रखकर आ गए। खुमान के  भाई अमर सिंह के अनुसार  खुमान के चार छोटे-छोटे बच्चे एवं मां-बाप हैं। उनकी देखरेख एवं लालन पालन के लिए शंभू द्वारा खर्चा देने की मांग रखी गई। इसी मांग को पूरा करने के लिए शंभू के दरवाजे पर लाश रखी गई थी परंतु पुलिस प्रशासन द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को समझे जाने पर मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए दोनों गांव के सरपंच तडवी एवं पिटोल के समाजजनों द्वारा समझाने पर उन्होंने खुमान का अंतिम संस्कार कर दिया।

जिम्मेदार बोले

गुजरात में  काम करते वक्त एक्सीडेंट से मृत्यु होना बताया गया है। पर गांव से दोनों भाई साथ-साथ मजदूरी करने गए जिसमें खुमान की मृत्यु हो गई। गुजरात पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है परंतु शंका के आधार पर डेड बॉडी शंभू के घर रखी थी। पुलिस पुलिस द्वारा एवं समाज जनों द्वारा समझाया और अंतिम संस्कार किया गया। आगे की कार्रवाई जारी रहेगी।

पल्लवी भाबर, चौकी प्रभारी, पिटोल

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