दीर्घ मासक्षमण (36) तपस्वी पुष्पा पगारिया की निकली जयकार यात्रा – संघ समूह ने किया बहुमान

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थांदला।   धर्मदास गण नायक प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा – 4 के पावन सानिध्य में दूसरा मासक्षमण थांदला की बेटी जावरा (शिवगढ़) निवासी पुष्पा पुखराजजी पगारिया के 36 उपवास के दीर्घतम तप के रूप में आज पूर्ण हुआ। उनके उग्र तप की पूर्णाहुति पर थांदला संघ ने जयकार यात्रा का आयोजन किया जो कमलेश बाबूलाल छाजेड़ के निज निवास से  निकली जो मुख्य मार्गों से होती हुई आजाद चौक स्थित पौषध भवन पर तपस्वी गुणानुवाद सभा के रूप में परिवर्तित हो गई। धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. ने कहा कि पुष्पा बहन को धर्म के संस्कार विरासत से मिले है। आपकी माताजी जिन्हाने  अंतिम समय में संयम के साथ संथारा लेकर साध्वी श्री सुलीनाजी म.सा. के रूप में प्रयाण किया। आपके ही परिवार से ही साध्वी प्रतिज्ञाजी म.सा. जिनशासन में धर्म प्रभावना कर रहे है।

आपने स्वयं इसके पूर्व 51 उपवास की घोर तपस्या के साथ 5 मासक्षमण पूर्ण कर अनेक प्रकार की तपस्या भी की है ।आपके पगारिया व छाजेड़ परिवार से अनेक बड़ी तपस्याए हुई है।कमलेश, विमलेश, अल्केश भाई भी मासक्षमण तप कर चुके है। पिछले चातुर्मास में तनीषा छाजेड़ के मासक्षमण तप पूर्णाहुति में आपने ही मासक्षमण तप की बोली लेकर तप का बहुमान किया था जो संकल्प आज पूर्ण हुआ है। पूज्या श्री ने आपकी तप अनुमोदना में कहा जैसे पक्षी के पंखों पर धूल जम जाने पर वह पंखों को फड़फड़ाते हुए धूल झटक देते है, जिस प्रकार दिया सलाई का अग्र भाग माचिस के स्पर्श से जल उठता है वैसे ही आत्मा में लगी हुई कर्म रज तप की रगड़ से आत्मज्योति के रूप में प्रज्वलित हो जाती है।    इस अवसर पर धर्मचक्र तपस्वी रीता महेश व्होरा  की दीर्घ तप आराधना पर व अन्य तपस्वियों के तप की भी अनुमोदना की। साध्वी प्रियशीलाजी म. सा. ने सामायिक के भावों पर प्रवचन देते हुए दर्शनाचार के पांचवें बोल उपग्रहण का विवेचन फरमाते हुए कहा कि गुणीजनों के गुण ग्रहण कर उनकी प्रसंशा करने से जीव हल्का बनता है। ऐसा ही अवसर तपस्या कि अनुमोदना में भी उपस्थित हुआ है इसलिए सभी को तप की अनुमोदना करना चाहिए। धर्म सभा में पूज्या दीप्तिजी म.सा. ने धन-धन धन्यवाद प्यारी-प्यारी तपसन को तथा सभी महासतियों ने मिलकर उग्र तपस्वी पुष्पा बहना अभिनन्दन तुम्हारा गाकर सभी तपस्वियों के तप की अनुमोदना की। थांदला संघ से पूर्वाध्यक्ष भरत भंसाली ने संघ कि ओर से तपस्वियों का शाब्दिक बहुमान किया। परिवार कि ओर से धर्मदास जैन युवा संगठन के पूर्वाध्यक्ष देवेंद्र गादिया ने भाव व्यक्त किये वही इंदौर के गायक प्रतीक बाफना ने स्तवन के माध्यम से तपस्या का माहौल बना दिया। रीता बहन व पुष्पा बहन दोनों ही तपस्वियों के लिए तप की बोलिया आमंत्रित की गई जिसमें क्रमशः अलका गादिया 21, देवेन्द्र गादिया 18, महावीर चिप्पड़ 11 उपवास सहित अन्य जनों ने विविध तप की बोली लेकर सर्वाधिक बोली लेने वाले अनुमोदन कर्ताओं ने संघ की शाल माला से तपस्वियों का बहुमान किया वही संघ के सभी पूर्वाध्यक्ष द्वारा अभिनन्दन पत्र भेंट किया गया। इस अवसर पर धर्मलता महिला मंडल, अखिल भारतीय चन्दना श्राविका मण्डल, श्री ललित जैन नवयुवक मंडल, मूर्तिपूजक संघ, तेरापंथ सभा, घोड़ावत परिवार, भंसाली परिवार व गादिया परिवार द्वारा भी तपस्वियों का बहुमान किया गया। इस अवसर पर धर्मचक्र तपस्वी रीता व्होरा का बहुमान 9 उपवास से महावीर चिप्पड़ निसरपुर ने किया ।गुणानुवाद सभा का संचालन संघ सचिव प्रदीप गादिया ने किया ।

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