थांदला। आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती साध्वी निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा- 4 पौषध भवन स्थानक पर सुखसाता पूर्वक विराजित है। साध्वी मंडल के सानिध्य में यहां प्रात: राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना के बाद व्याख्यान प्रात: 9 से 10 बजे तक, दोपहर में वाचनी, ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौबीसी व गुरु गुणगान आदि विविध आराधनाएं हो रही है। जिसमें श्रावक, श्राविकाएं व बच्चें उत्साहपूर्वक अपने अपने समय एवं यथा शक्ति आराधना कर रहे है। श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन पर व श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर हो रहा हैं। यहां श्रीसंघ में त्याग तपस्या का दौर निरंतर जारी है। आराधक तपस्या में रम रहे है।
