आचार्यश्री उमेशमुनिजी की 91वीं जन्म जयंती विभिन्न तपाराधनाओं से मनाएंगे

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थांदला। संत महापुरुषों की जन्म जयंती, दीक्षा जयंती या पुण्यतिथि के प्रसंग हो, श्रद्धालुओं द्वारा तप-त्याग से गुणानुवाद करके उत्साहपूर्वक मनाए जाते है। महापुरुषों की जन्म स्थली का श्रीसंघ  सौभाग्यशाली होता है, उस संघ में ऐसे प्रसंगो पर विशेष उत्साह नजर आता हैं। ऐसा ही उत्साह थांदला में नगर के गौरव आचार्यश्री उमेशमुनिजी म. सा. की 91 वीं जन्म जयंती मनाने का देखा जा रहा हैं। यहां श्री लिमड़ी गोपाल संप्रदाय के साध्वी  शीतलबाईजी म. सा. व रम्यताजी म. सा. एवं आचार्यश्री के सुशिष्य प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा 4 स्थानीय पौषध भवन पर विराजित हैं। साध्वी मंडल के सानिध्य में यहाँ प्रतिदिन राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना, व्याख्यान प्रातः 9 बजे से, दोपहर में ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौवीसी स्तुति आदि विविध आराधनाएं हो रही हैं। जिसमें श्रावक श्राविकाएं उत्साहपूर्वक आराधना कर रहे हैं। 

महापुरुष का गुणानुवाद होगा

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत व सचिव प्रदीप गादिया ने बताया कि साध्वी मंडल के सानिध्य में थांदला के नंदन आचार्यश्री उमेशमुनिजी की 91 वीं जन्म जयंती 20 फरवरी सोमवार को मनाई जाएगी। जन्म जयंती श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा दो दिवसीय आराधना के अंतर्गत जप – तप, त्याग, तपस्या, धर्म, ध्यान, ज्ञान आदि विभिन्न आराधनाओं के साथ उत्साहपूर्वक मनाई जाएगी। प्रथम दिवस 19 फरवरी रविवार को पक्खी पर्व है। इस दिन बड़ी संख्या में आराधक सामूहिक उपवास, पौषध, संवर, एकासन, आयंबिल आदि विविध आराधना करेंगे। शाम 6 : 30 बजे पक्खी प्रतिक्रमण होगा। श्रावक वर्ग का दौलत भवन पर एवं श्रविका वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर होगा। इसी दिन “एक शाम अणु के नाम” स्तवन प्रस्तुति का आयोजन भी होगा। दूसरे दिन 20 फरवरी आचार्यश्री की जन्म जयंती दिवस पर स्‍थानीय पौषध भवन पर प्रातः 9 बजे गुणानुवाद सभा होगी। इसमें साध्वी मंडल आचार्यश्री उमेशमुनिजी म. सा. के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालेंगे। सभा में श्रावक श्राविकाएं भी अपने विचार, स्तवन आदि प्रस्तुत करेंगे। इस दिन सामूहिक उपवास आदि तपाराधना, सामायिक का तेला, दोपहर में नवकार महामंत्र के जाप, उमेश चालीसा तथा संवर आराधना के साथ कई आराधनाएं होगी। श्रीसंघ ने समस्त श्रावक श्राविकाओ से जन्म जयंती पर समस्त आराधनाओ में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का अनुरोध किया है।

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